रंजीत कुमार,
सीतामढ़ी: बिहार के सीतामढ़ी जिले से मजदूरी के लिए तेलंगाना को निकली 55 मजदूरों से भरी बस का आखिरकार 48 घंटे के बाद पता चल गया है. छत्तीसगढ़ और कर्नाटक बॉर्डर पर अत्यधिक बाढ़ का पानी होने के कारण बस वहीं भोपाल पतनम नामक स्थान पर रुका हुआ है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते रविवार को जब मजदूर अपने स्थान पर नहीं पहुंचे और सभी का नंबर बंद आने के बाद से लापता मजदूरों के गांव में मातम सा छाया हुआ था. बताया जाता है कि सभी मजदूर तेलंगाना के रामाकुंजन में एनटीपीसी में कार्य करने के लिए बीते 13 अगस्त को सीतामढ़ी से निकले थे. जिसमें सीतामढ़ी के 48 और भागलपुर के 6 आदमी सवार थे.
इधर 16 अगस्त से सभी मजदूरों का नंबर बंद आने के बाद से परिजनों को कुछ शंका सी हुई, और उन्होंने बस ऑनर (राहुल ट्रेवल) से बात की. लेकिन बस ऑनर का भी यही कहना था कि उनके भी ड्राइवर और खल्लासी का नंबर कल से बंद आ रहा है.
लापता मजदूरों के परिजनों ने बताया कि 15 अगस्त की रात 11 बजे उनकी बात हुई थी, तो मजदूरों ने बताया था कि उनकी गाड़ी किसी भोपाल पटनम जगह पर रुकी है. जिसके बाद जब परिजनों ने दूबारा उनसे संपर्क साधने की कोशिश की तो सबों का नंबर बंद आ रहा था. ग्रामीण लापता मजदूरों के नाम का लिस्ट और मोबाइल नंबर लेकर डुमरा थाना पहुंचे.
जिसके बाद सीतामढ़ी पुलिस के द्वारा भोपाल पतनम पुलिस से संपर्क साध कर बस का पता लगाया गया. छत्तीसगढ़ पुलिस ने सीतामढ़ी पुलिस और परिजनों को आश्वस्त कराया कि बस समेत सभी मजदूर सही सलामत है. अत्यधिक बाढ़ का पानी सड़क पर बढ़ जाने के कारण छत्तीसगढ़ के भोपाल पतनम में सरकारी निर्देश के आलोक में सभी सेवाएं बंद कर दी गई थी और बाढ़ के कारण बिजली सेवा बाधित होने के कारण सभी मजदूरों का मोबाइल बंद है. हालांकि परिजनों से बात करने पर पता चला कि छतीसगढ़ के विजयवाड़ा में सभी यात्री सुरक्षित हैं. वहीं स्थनीय ग्रामीणों के सहयोग से सरकारी विद्यालय में भोजन व रहने की व्यवस्था की गई है.