2022 तक झारखंड को नया झारखंड बनायेंगे, जहां कोई बेघर, बेदवा, बेरोजगार नहीं रहेगा
अच्छा शासन नहीं देने की वजह से राज्य में नहीं हो सका पर्याप्त विकास
ब्यूरो चीफ
रांची
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड को सजाने और संवारे की सकारात्मक राजनीति करने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा है कि 2022 तक राज्य को नया झारखंड बनाया जायेगा, जहां न कोई बेघर रहेगा, न ही कोई बेरोजगार. नया झारखंड बनाने के लिए साहित्यकार, पत्रकार, बुद्धिजीवी, ब्यूरोक्रेट्स, नेताओं और आम लोगों को आगे आना होगा.
मुख्यमंत्री ने रविवार को राजधानी में प्रभात प्रकाशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि प्रभात प्रकाशन ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के वर्ष में महात्मा की झारखंड यात्रा का संग्रह पाठकों को समर्पित किया है. उन्होंने कहा कि झारखंड में राष्ट्रपिता का पदार्पण न सिर्फ रामगढ़, बल्कि चाईबासा, गिरिडीह, रांची में भी हुआ था. गांधी जी ने धर्मांतरण के खिलाफ चिंता भी जतायी थी. अपने रांची आगमन के क्रम में बापू ने खूंटी में मुंडा समाज के नेताओं से मिल कर आदिवासी संस्कृति को बचाने की बातें कही थीं.
Also Read This : फ्रेंडशिप डे पर इजरायल ने भारत से कहा, ‘ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे
झारखंड में आदिवासी संस्कृति को कोई खतरा नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के आदिवासी संकट में नहीं हैं. झारखंड में आदिवासियों के अस्तित्व को कोई मिटा नहीं सकता है. 70 वर्ष की आजादी के बाद भी आदिवासियों की संस्कृति अछुण्ण है. विदेशी संस्कृति द्वारा जबरन धर्मांतरण कराने के सारे प्रयास विफल साबित हुए हैं. यहां के आदिवासी सजग हैं, हमारी संस्कृति की जड़ें काफी मजबूत हैं.
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के सपनों के भारत का निर्माण शुरू हो गया है. 2014 में 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री ने कहा था कि दो अक्तूबर 2019 तक देश को स्वच्छ भारत बनायेंगे. जल्द ही यह सपना साकार होगा. गांधी जी के आदर्श पर केंद्र ही नहीं, राज्य सरकारें भी चल रही हैं. सुशासन, स्वशासन और विकास का काम पूरा किया जा रहा है. ग्राम पंचायतों में गांधीवादी दर्शन को परिलक्षित किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति में सकारात्मक परिवर्तन हो रहा है. 2014 और 2019 के चुनाव में यह बातें प्रमुखता से दिखी, लोगों ने जनादेश देकर विकास की बातों को सिद्ध भी किया. रघुवर दास ने कहा कि झारखंड में अच्छा शासन कमजोर सरकारों की वजह से नहीं दिया जा सका, क्योंकि उनका अधिकतर समय कुरसी बचाने में ही जाया हो गया. साढ़े चार वर्षों में विकास की कई योजनाएं परिलक्षित हुईं. अब ब्यूरोक्रैक्ट भी काम कर रहे हैं. कार्यक्रम में पद्मश्री अशोक भगत, राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश समेत अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद थे.