BNN DESK: हिन्दी पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी या विनायक चतुर्थी होता है. इस वर्ष गणेश चतुर्थी 22 अगस्त दिन शनिवार को है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार विघ्नहर्ता श्री गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन ही हुआ था, इसलिए इस दिन गणेश चतुर्थी या विनायक चतुर्थी मनाई जाती है. गणेश जन्मोत्सव के दिन गणपति की विशेष आराधना की जाती है, ताकि वे व्यक्ति के जीवन के सभी संकटों का नाश कर दें और उसकी मनोकामनाओं की पूर्ति करें. आइए जानते हैं कि इस वर्ष गणेश चतुर्थी पूजा का मुहूर्त क्या है.
◆◆ गणेश चतुर्थी मुहूर्त :-
◆ भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 21 अगस्त दिन शुक्रवार की रात 11 बजकर 02 मिनट से हो रहा है, जो 22 अगस्त दिन शनिवार को शाम 07 बजकर 57 मिनट तक रहेगी. गणेश चतुर्थी की पूजा हमेशा दोपहर के मुहूर्त में की जाती है क्योंकि गणेश जी का जन्म दोपहर में हुआ था.
◆◆ गणेश का पूजा मुहूर्त :-
◆ 22 अगस्त के दिन आपको गणपति की पूजा के लिए दोपहर में 02 घंटे 36 मिनट का समय मिल रहा है. आप दिन में 11 बजकर 06 मिनट से दोपहर 01 बजकर 42 मिनट के मध्य विघ्नहर्ता की पूजा कर लें.
◆◆ गणपित स्थापना :-
◆ 22 अगस्त के दिन इस मुहूर्त में लोग अपने अपने घरों पर गणपति का आगमन कराते हैं. अपने गणपति की मूर्तियां स्थापित करते हैं. विधि विधान से पूजा करते हैं. हालांकि कोरोना काल में सार्वजनिक जगहों पर गणपति स्थापना की मनाही हो सकती है. आप अपने घर पर ही गणपति की स्थापना करें.
◆◆ गणपति विसर्जन की तारीख :-
◆ 10 दिनों तक गणपति की आराधना करने के पश्चात 01 सितंबर दिन मंगलवार को सहर्ष गणपति बप्पा को बहते जल में विसर्जित कर दें. हम एक दिन के लिये भी गणेश जी की स्थापना कर सकते हैं.
◆◆ गणेश चतुर्थी पूजा विधि :-
◆ गणेश चतुर्थी के पूजन के लिए भगवान गणेश की नई प्रतिमा लेकर आएं. मंत्रोच्चार के साथ भगवान गणेश जी की स्थापना करवाएं. स्थापना के बाद दस दिन तक रोज भगवान गणेश का पूजन, भजन और कीर्तन करें. नित्य सुबह स्नानादि कर भगवान की प्रतिमा के समक्ष दीपक जलाएं. फूल-हार चढ़ाएं. गणेश जी की स्तुति और चालीसा का पाठ कर उनकी आरती करें. याद रखें जिस प्रकार एक मनुष्य दिन में तीन बार भोजन करता है, उसी प्रकार गणेश जी को भी भोग लगाएं. उन्हें भोग अतिप्रिय है. संध्या आरती करें. सम्भव हो तो कीर्तन करें.
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◆◆ गणेश चतुर्थी को चंद्र दर्शन न करें :-
◆ गणेश चतुर्थी के दिन भूलकर भी चंद्रमा को दर्शन न करें. यदि आपने इस दिन चंद्रमा का दर्शन कर लिया तो आप पर कलंक या गलत आरोप लग सकता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, गणेश चतुर्थी को चंद्रमा दर्शन के कारण ही भगवान कृष्ण पर स्यमन्तक मणि चोरी करने का मिथ्या आरोप लगा था.
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★★ गणेश उत्सव ★★
◆◆ 22 अगस्त 2020 शनिवार से गणेश उत्सव शुरू हो रहा है जो की ये 10 दिन भगवान गणेश को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए बहुत ही खास माने जाते हैं. वास्तु में भी कुछ वस्तुओं का खास संबंध भगवान गणेश से माना जाता है. यदि आज इन 5 में से एक भी वास्तु घर लाई जाए तो भगवान गणेश के साथ-साथ देवी लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है और घर-परिवार पर उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है.
◆ 01. गणेश की नृत्य करती प्रतिमा :-
धन संबंधी परेशानियां दूर करने के लिए नृत्य करती गणेश प्रतिमा घर में रखना शुभ माना जाता है. प्रतिमा को इस तरह रखें कि घर के मेन गेट पर भगवान गणेश की दृष्टि रहे.
◆ 02. बांसुरी :-
बांसुरी घर में रखने से घर में लक्ष्मी का वास बना रहता है.इससे घर के वास्तु दोष दूर होते हैं और धन पाने के योग बनने लगते हैं.
◆ 03. एकाक्षी नारियल :-
जिस घर में एकाक्षी नारियल रखा जाता है और इसकी नियमित पूजा होती है, वहां नेगेटिविटी नहीं ठहरती है, न ही कभी धन-धान्य की कमी होती है.
◆ 04. घर के मंदिर में शंख :-
शंख में वास्तु दोष दूर करने की अद्भुत शक्ति होती है. जिस घर के पूजा स्थल में शंख की स्थापना भी की जाती है, वहां देवी लक्ष्मी स्वयं निवास करती हैं.
◆ 05. कुबेर की मूर्ति :-
भगवान कुबेर उत्तर दिशा के स्वामी माने जाते हैं, इसलिए उत्तर दिशा में इनकी मूर्ति रखने से घर में कभी पैसों की कमी नहीं होती.
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★★ वास्तु शास्त्र ★★
◆◆ इस तरह कर सकते हैं वास्तुदोष का अंत :-
◆ घर का जो हिस्सा वास्तु के अनुसार सही न हो, वहां घी मिश्रित सिंदूर से श्री गणेश स्वरुप स्वस्तिक दीवार पर बनाने से वास्तु दोष का प्रभाव कम होने लगता है.