नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) अब सुशांत सिंह राजपूत और रिया चक्रवर्ती के विदेश दौरों की भी जांच करेगी. ईडी यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि 25 दिन के यूरोप दौरे के दौरान क्या कोई बड़ा आर्थिक लेन-देन किया गया था? एफआईयू की मदद से सुशांत और रिया की 25 दिन की यात्रा के दौरान की काफी जानकारियां मिलने की उम्मीद है.ईडी इस जांच में आर्थिक जांच शाखा एफआईयू (FIU) की भी मदद लेगी.
प्रवर्तन निदेशालय सुशांत सिंह राजपूत केस में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर कुछ खास पता नहीं कर पाया है. सुशांत की गर्लफ्रेंड और केस की मुख्य आरोपी रिया चक्रवर्ती के अकाउंट्स से भी कुछ खास जानकारी ईडी को नहीं मिल पाई थी. हालांकि ईडी को यह जरूर पता लगा था कि सुशांत और रिया एक साथ विदेश यात्रा पर गए थे. जिसके बाद एफआईयू की मदद से ईडी उस यात्रा के दौरान हुए आर्थिक लेनदेन का ब्योरा निकालने की तैयारी में है.
क्या होती है FIU
फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन यूनिट यानी एफआईयू किसी देश की एक ऐसी संस्था होती है, जिसके पास आर्थिक लेनदेन की सारी जानकारी होती है. क्रेडिट कार्ड हो, बैंक ट्रांजैक्शन्स हो या किसी भी तरह का इन्वेस्टमेंट, एफआईयू के पास हर जानकारी उपलब्ध होती है. एफआईयू इंडिया, फ्रांस, स्विटजरलैंड, ऑस्ट्रिया और इटली को एगमोंट लेटर भेजकर सुशांत और रिया की विदेश यात्रा के दौरान किए गए आर्थिक लेनदेन की जानकारी मांगने की तैयारी में है. ईडी विदेशी संबंधों के सहारे एफआईयू के माध्यम से केस की तह तक पहुंचने की कोशिश करेगा.
कानूनी तौर पर नहीं हो सकता जानकारी का इस्तेमाल
एफआईयू इंडिया को फ्रांस, स्विटजरलैंड, ऑस्ट्रिया और इटली की एफआईयू से काफी सारी जानकारियां मिल सकती हैं. लेकिन इन जानकारियों का इस्तेमाल ईडी कोर्ट में कानूनी तौर पर नहीं कर सकती है. किसी भी देश की एफआईयू इन जानकारियों को निकालने के लिए लोकल पुलिस से लेकर खुफिया शाखाओं तक का इस्तेमाल करती है.
कैसे होती है जांच
जानकारी के मुताबिक, एफआईयू इंडिया का एगमोंट जाते ही संबंधित देश की एफआईयू जानकारियां जुटाना शुरू कर देगी. एफआईयू की सूचनाओं के आधार पर ईडी जांच को आगे बढ़ाएगी. जांच में फैक्ट्स मिलने पर संबंधित देश को कानूनी अनुरोध पत्र भेजा जाएगा, और फिर लैटरोगैटरी के जरिए जो जानकारी मिलेगी, उसका इस्तेमाल कोर्ट में ईडी कर पाएगी.