रांची: एक्सिस बैंक ने जीआईजी-ए-ऑपर्च्यूनिटीज लॉन्च किया. यह वैकल्पिक कार्य मॉडल्स के लिए एक प्लेटफॉर्म है, जो भारी लचीलेपन, विविधता और समावेशन को बढ़ावा देता है. एक्सिस बैंक का ‘जीआईजी-ए-ऑपर्च्यूनिटीज’ ऐसा एकीकृत वर्क मॉडल एवं समाधान है, जो नई प्रतिभाओं के बढ़ते पूल के लिए लचीलेपन एवं सरलता की आवश्यकता पूरी करते हुए बड़ी कंपनियों की विविधतापूर्ण कौशल आवश्यकताएं पूरी करता है.
‘जीआईजी-ए-ऑपर्च्यूनिटीज’ रोजगार बाजार में बड़े अवसरों के लिए है. इससे डिजिटल बैंकिंग, टेक्नोलॉजी, रिस्क मॉडलिंग, वर्चुअल सेल्स, ऑडिट एवं क्रेडिट पॉलिसी में बड़ी संभावनाओं के द्वार खुलेंगे. इसमें दो वर्क मॉडल्स है. इसमें 100 प्रतिशत वर्चुअल रोल्स और लचीले, प्रोजेक्ट-आधारित अल्पकालिक संविदाओं के जरिए प्रतिभाओं को आकर्षित करेगा.
इस पहल के बारे में एक्सिस बैंक फाउंडेशन के चेयरमैन और टिस के चेयरमैन एस रामोदरई ने कहा कि जीआईजी-ए-ऑपर्च्यूनिटीज एक विशाल मंच है, जो स्पष्ट रूप से फ्यूचर ऑफ वर्क की दिशा है. बैंक की यह पहल घर से काम करने और व्यक्ति की क्षमताओं को परिभाषित करने की छूट का विकल्प लिंग संतुलन व समावेशीपन सहित भविष्य के लिए छिपी अथाह प्रतिभा को सामने लायेगा.
इस नये प्लेटफॉर्म के जरिए ‘वर्क फ्रॉम एनीव्हेयर’ संभव हो सकेगा. कुशल विशेषज्ञों के लिए लचीलापन एवं सरलतापूर्वक परिचालन सुनिश्चित हो सकेगा. इसलिए इसे देश के छोटे से छोटे शहरों व नगरों से लेकर महानगरों तक में रह रहे विशाल टैलेंट पूल एक्सेस कर सकेगा. इससे सीमा-पार सहयोगों की संभावना का द्वार भी खुलेगा.
ईवीपी और हेड (एचआर) राजकमल वेमपति ने कहा कि एक्सिस बैंक ने हमेशा से कुशल बने रहने में विश्वास किया है और पिछले वर्षों के हमारे हायरिंग एप्रोच में समय के साथ आये बदलाव की झलक मिलती है. जीआईजी-ए को अपनाया जाना आधुनिक दौर के अनुसार हमारे बैंक की अनुकूलता को प्रदर्शित करने का एक और तरीका है. हम समझते हैं कि योग्यता या डिग्री जैसे स्थैतिक मानदंड अब नियुक्ति के कॉल लेटर नहीं रहे और प्रमुख रूप से कुशलताओं के आधार पर एसोसिएशंस होंगे. हमें पूरा विश्वास है कि यह इंडस्ट्री के लिए एक अभूतपूर्व पहल होगी जहां विभिन्न क्षेत्रों के कुशल कार्यबल को रोजगार तलाशने का अवसर मिलेगा.