रांची: झारखंड उच्च न्यायालय ने बिहार के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह व उनके भाई दीनानाथ सिंह और रितेश सिंह के मामले में फैसला सुनाने की अगली तिथि 28 अगस्त निर्धारित की गई है. यह तिथि जस्टिस अमिताभ गुप्ता और जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने निर्धारित की है. तकनीकी कारणों की वजह से फैसला नहीं सुनाया जा सका.
इस मामले में फैसला सुनाने की तिथि अब तक तीन बार टाली जा चुकी है. प्रभुनाथ सिंह और उनके भाईयों पर बिहार के मशरख के तत्कालीन विधायक अशोक सिंह की हत्या करने का आरोप है. हजारीबाग की अदालत ने तीनों को इस मामले में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा भी सुनायी है. सजा के खिलाफ तीनों ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी. इस पर सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था.
क्या है मामला:
मार्च 1995 में विधायक अशोक सिंह की बम मारकर उनके सरकारी आवास में हत्या कर दी गई थी. उस समय वह अपने आवास पर लोगों से मिल रहे थे. इस मामले में उनकी पत्नी चांदनी देवी ने पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह व उनके भाईयों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई. कहा गया कि राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के चलते विधायक की हत्या की गई है. प्रभुनाथ सिंह को हराकर अशोक सिंह विधायक बने थे. इस मामले को उनकी पत्नी चांदनी देवी के आग्रह पर सुप्रीम कोर्ट ने हजारीबाग ट्रांसफर किया था. निचली अदालत ने इस मामले में तीनों को मार्च 2017 को सजा सुनाई थी.