कश्मीर पर मोदी सरकार के मन में क्या है? इस पर छाए संशय के बादल कुछ घंटों के बाद छट सकते हैं। प्रधानमंत्री की अगुआई में आज सुबह 9:30 बजे कैबिनेट मीटिंग है। इसमें घाटी पर कुछ बड़ा फैसला होने की उम्मीद है। कहा जा रहा है कि इस बैठक के फैसले और कश्मीर के हालात पर सरकार संसद में बयान भी दे सकती है। अतिरिक्त जवानों की तैनाती और घाटी छोड़ने की सलाह के बाद विपक्ष कई दिनों से इसकी मांग कर रहा है। इस बीच आधी रात को पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को भी नजरबंद कर दिया गया तो देर रात राज्यपाल ने डीजीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपात बैठक की। रविवार को दिल्ली से लेकर जम्मू-कश्मीर तक हलचल तेज रही। गृह मंत्री अमित शाह ने उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव के साथ खुफिया एजेंसियों के प्रमुख भी शामिल हुए। पूरी स्थिति की पीएम को जानकारी दी गई। डोभाल से जब कश्मीर पर किसी बड़े फैसले की संभावना पर सवाल किया गया तो वह मुस्कुराते हुए निकल गए।
सूत्रों की मानें तो सरकार संसद का सत्र दो दिन बढ़ा सकती है, जिससे कि वर्तमान हालात पर चर्चा हो सके। शाह के अगले हफ्ते कश्मीर दौरे की भी तैयारी है। श्रीनगर में कश्मीरी दलों ने साझा बैठक में ऐलान किया कि राज्य के विशेष दर्जे से छेड़छाड़ की किसी भी कोशिश का विरोध करेंगे। राज्य के लोगों से अपील की कि सब्र रखें और ऐसा कदम न उठाएं, जिससे घाटी में खलल पड़े।
राज्य के अधिकतर जिलों में धारा 144 लगा दी गई है। सभी स्कूल-कॉलेज और शिक्षण संस्थान बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। श्रीनगर में रविवार रात को धारा 144 लागू कर दी गई थी तो जम्मू में भी सुबह 6 बजे से प्रभावी हो गई है। कश्मीर के अलावा जम्मू, कठुआ, ऊधमपुर, रियासी, किश्तवाड़, रामबन, राजौरी, पुंछ में सुरक्षा बेहद कड़ी है।