रांची: देश की आजादी के लिए अपने संघर्षों, इतिहास और राष्ट्र निर्माण में योगदान को लेकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा धरोहर नाम से वीडियो श्रृंखला के तहत आज तीसरी वीडियो देश की युवा पीढ़ियों के लिए जारी की है.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि आजादी की लड़ाई में, अन्याय और अत्याचार के खिलाफ जंग में वंदे मातरम एक मजबूत हथियार के रूप में कारगर साबित हुआ था.
आजादी से पहले अपनी सत्ता कायम रखने के लिए अंग्रेजों ने भारत को कई जातियों, धर्मो,वर्गों, क्षेत्रों में बांट रखा था. कांग्रेस अंग्रेजों की इस बांटो और राज करो की नीति को बखूबी जान रही थी इसलिए कांग्रेस ने महसूस किया कि अगर भारतीयों को जल्द ही एकता के सूत्र में नहीं बांधा गया तो आजादी की लड़ाई कमजोर पड़ सकती है.
प्रदेश अध्यक्ष डा रामेश्वर उरांव ने कहा कि रहमतुल्लाह साहनी की अध्यक्षता में 1896 का कोलकाता अधिवेशन इस दिशा में महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हुआ, जब इसी अधिवेशन में पहली बार बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखे गए गीत वंदे मातरम को अपनी आवाज देकर गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर ने आजादी की लड़ाई में जोश भर दिया.
वंदे मातरम से माता की वंदना करने का अर्थ निकलता है और उस दौर में भारत माता की आजादी और वंदना ही हर भारतवासी का लक्ष्य बना हुआ था. आंदोलन की विभिन्न रैलियों में जोश भरने के लिए गाए जाने वाले गीत की लोकप्रियता से भयाआक्रांत होकर ब्रिटिश सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर ली थी, लेकिन इसके बाद तो न केवल 1896 बल्कि कांग्रेस के अलग-अलग अधिवेशनों में वंदे मातरम की गूंज सुनाई देने लगी.
यह गूंज ब्रिटिश हुकूमत की नींद को हिला रही थी, क्योंकि लाला लाजपत राय की पत्रिका का नाम वंदे मातरम, आजादी की बलिवेदी पर चढ़ने वाले शहीद क्रांतिकारियों के आखिरी शब्द वंदे मातरम, बीकाजी जर्मनी में तिरंगा फहराया हो तो उसमें वंदे मातरम, पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की पुस्तक की क्रांति गीतांजलि में वंदे मातरम, भारत की आबोहवा वंदे मातरम से गूंज उठी.
यही कारण है कि आगे चलकर 1937 में पंडित नेहरू, मौलाना आजाद, सुभाष चंद्र बोस, रविंद्र नाथ टैगोर और आचार्य देव की कमेटी ने वंदे मातरम को राष्ट्रीय गीत के रूप में गाने का निर्णय लिया.
प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता आलैक कुमार दूबे एवं डॉ. राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि वंदे मातरम को आधार बनाकर ब्रिटिश हुकूमत ने भारत को धार्मिक रूप से बांटने का प्रयास किया था और आज भी यही प्रयास जारी है, लेकिन देश ना तो तब बंटा था और ना आज बटेगा.
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे एवं डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि धरोहर नामक श्रृंखला की जारी आज तीसरी वीडियो राज्य की और देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी कांग्रेस लगातार अट्ठारह सौ पचासी से अपने किए गए कार्यों एवं अधिवेशन में लिए गए फैसलों से देश की जनता को अवगत करा रही है और इस बाबत सोशल मीडिया के माध्यम से कांग्रेस के योगदान को पूरे देश में दर्शाया जा यहा है.
झारखंड में सोशल मीडिया के कोऑर्डिनेटर गजेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में सोशल मीडिया के माध्यम से फेसबुक, इंसटेग्राम, ट्युटर, वाहट्स अप में प्रदेश के विधायक, सांसद, मंत्री गण, जिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं प्रमुख कांग्रेस जनों ने पोस्ट किया है.