दिल्ली: दुनिया की पहली कोरोना वायरस विकसित करने का दावा करने करने के बाद रूस का कहना है कि उसने वायरस की दूसरी वैक्सीन बनाने में सफलता हासिल कर ली है. इसके नैदानिक परीक्षण सितंबर में पूरे हो जाएंगे. इस वैक्सीन का नाम एपिवैककोरोना (EpiVacCorona) है. रूस का दावा है कि इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है.
इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने स्पुतनिक वी (Sputnik V) नाम की कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने की घोषणा की थी. हालांकि इस वैक्सीन के कई दुष्प्रभावों को लेकर उसकी कड़ी आलोचना हुई थी. देश की दूसरी वैक्सीन को लेकर भी संदेह पैदा हो सकता है. इस वैक्सीन को साइबेरियन वेक्टर अनुसंधान केंद्र द्वारा विकसित किया जा रहा है.
इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा था कि कोरोना वायरस की कोई भी वैक्सीन 2021 के पहले नहीं आ पाएगी. रूस एपिवैककोरोना वैक्सीन का निर्माण साइबेरिया में सोवियत संघ के एक पूर्व टॉप सीक्रेट बॉयोलॉजिकल हथियारों के प्लांट में कर रहा है.