रांची: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमणकाल में शैक्षणिक व्यवस्था की गुणवत्ता बनाये रखने और स्कूल खोलने को लेकर राज्य सरकार की ओर से मांगे गये सुझाव पर प्राईवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन, पासवा की राज्य इकाई की ओर से वर्चुअल मीटिंग की गयी.
पासवा के झारखंड इकाई के अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे की अध्यक्षता में हुई वर्चुअल मीटिंग में सभी 24जिलों के अभिभावकों और बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया. इस दौरान पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद ने भी ऑनलाइन अपने विचार रखे.
बैठक के दौरान कोरोना संक्रमण काल में शैक्षणिक जगत के समक्ष आयी चुनौतियों पर गहन चिंतन-मनन हुआ.इस दौरान कुछ अभिभावकों ने सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हए 8 से 10वीं बोर्ड की पढ़ाई शुरू करने का सुझाव दिया.
वहीं अभिभावकों ने कक्षा आठ तक की पढ़ाई घर में ही जारी रखने का सुझाव दिया. वर्चुअल मीटिंग के दौरान अभिभावकों ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर शिक्षकों और विद्यार्थियों द्वारा अपने स्तर से लगातार प्रयास किये जा रहे है, लेकिन स्कूल बंद रहने से पढ़ाई के प्रति बच्चों की रूचि कम हो रही है.
वहीं 8 से 10वीं तक के विद्यार्थियों के लिए सोशल डिस्टेसिंग अथवा रोटेशन के आधार पर या जिस तरह से सरकारी कार्यालयों में 33 प्रतिशत उपस्थिति में काम किया जा रहा है, उसी तरह से सारे दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए पढ़ाई शुरू किया जा सकता है, वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना था कि जब तक वैक्सिन बाजार में उपलब्ध नहीं हो जाती है, तब तक स्कूल को बंद रखना ही हितकर होगा.
कुछ लोगों ने कोर्स को पूरा करने के लिए 15 सितंबर के बाद सप्ताह में दो दिन स्कूल खोलने का भी सुझाव दिया.कुछ अभिभावकों की ओर से स्कूल में आइसोलेशन वार्ड की भी व्यवस्था करने की सलाह दी, जबकि कुछ लोगों ने यह भी कहा कि स्कूल बंद रहने के कारण बच्चों में पढ़ाई के प्रति रूचि कम हो रही है, प्रतिस्पर्द्धा की भावना कम हो रही है और बच्चे अब घर में नहीं रहना चाहते है,ऐसे में अब ज्यादा दिनों तक स्कूलों को बंद नहीं रखना चाहिए.
पासवा के प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने बताया कि वर्चुअल मीटिंग में अभिभावकों की ओर से आये सुझाव से राज्य के शिक्षामंत्री को अवगत कराया जाएगा.
उन्होंने बताया कि एक-दो दिनों में विस्तृत प्रतिवेदन तैयार कर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सह मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव और शिक्षामंत्री जगरनाथ महतो को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी.