नई दिल्ली: शीर्ष अदालत ने नाबालिग लड़की से बलात्कार के आरोप में जेल में बंद 77 वर्षीय व्यक्ति को जमानत दे दी है. अदालत ने यह याचिका यह साबित करने के बाद दी कि वह पीड़ित बच्चे का पिता नहीं था. बता दें कि 14 वर्षीय लड़की के परिवार ने उसके बुजुर्ग मकान मालिक पर लड़की के साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया था, जिसके आरोप में बुजुर्ग पिछले कुछ महीनों से जेल में था.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मामला पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी का है, जहां एक 77 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति पर अपने किराए के घर के परिवार द्वारा अपनी नाबालिग लड़की से बलात्कार करने का आरोप लगाया गया. जिसके बाद आरोपी ने शीर्ष अदालत में गुहार लगाई और न्याय की मांग की. कोर्ट में आरोपी ने कहा कि उसे झूठे केस में फंसाया जा रहा है. इस मामले के अभियुक्तों के वकील कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि वह व्यक्ति 84 साल का है और वह यौन और जैविक रूप से यौन गतिविधियों में असमर्थ है, विशेष रूप से कई बीमारियों से पीड़ित है.
इसलिए, वकील ने अदालत से जोर दिया कि डीएनए परीक्षण जल्द से जल्द किया जाए. अदालत की मंजूरी के बाद, जब सोमवार को परीक्षण रिपोर्ट आई, तो बलात्कार के ये आरोप बेबुनियाद निकले, जिसके बाद अदालत ने 12 मई से जेल में बंद बुजुर्ग को जमानत दे दी. आपको बता दें कि 5 जून को कोलकाता उच्च न्यायालय से पहले अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी गई. इस दौरान, आरोपियों ने अदालत में दावा किया था कि 14 वर्षीय लड़की और उसका परिवार किरायेदार हैं, और वे किराए के भुगतान को लेकर विवाद में थे, जिसके कारण उन्होंने झूठे आरोप लगाए थे.