शशि भूषण दूबे कंचनीय,
लखनऊ: प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना से दो वर्षों में आर्थिक रूप से कमजोर 35 हजार महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई है. आर्थिक कमजोरी से गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार और समय पर जांच कराने में पूरी तरह असहाय महिलाओं के लिए यह योजना कारगर साबित होने लगी है. गांवों में तैनात आशा और एएनएम खून की कमी से जूझ रही महिलाओं को चिन्हित कर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर पंजीयन कराकर नियमित टीकाकरण, पौष्टिक आहार जैसी सुविधाएं प्रदान कर उनके बच्चे ही नही उनके जीवन को संवारने के काम बाखूबी अंजाम दे रही हैं. आर्थिक मदद से गरीब परिवार की महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान मजदूरी से भी मुक्ति मिलती है.
लाभ मिलने की खुशी
ऐरायां ब्लाक की अंजली बताती हैं कि उनकी एएनएम अराधना व आशा बहू की सहायता से इस योजना का लाभ मिला है. एएनएम ने घर आकर देखा कि महिला को इलाज व जांच की जरूरत थी. अंजली ने आर्थिक परेशानी बयां की तो एएनएम ने योजना की जानकारी दी और कागजी प्रक्रिया पूर्ण कर लाभार्थी को योजना का लाभ दिलवाया.
जिम्मेदारों की बात
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डीपीएम लाल चंद्र कहते हैं कि पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को तीन किस्तों में पांच हजार रूपये मिलता है. इसमें पौष्टिक आहार, मजदूरी न करके आराम करें आदि सुविधाओं का प्रविधान है. दो वर्ष में इस योजना में 37 हजार महिलाओं को लाभ मिल चुका है. अब तक कुल 12 करोड 68 लाख 65 हजार रूपये लाभार्थियों के खातों में डाले जा चुके हैं.