रांची: लॉकडाउन की वजह से बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के सभी 11 कॉलेजों के छात्र-छात्राओं की कक्षाएं ऑनलाइन माध्यमों से जारी है. लॉकडाउन के कारण इन कॉलेजों की परीक्षाएं बाधित है. कॉलेजों के सत्र को नियमित बनाये रखने के लिए विश्वविद्यालय की ओर से ऑनलाइन परीक्षा लेने की तैयारी शुरू कर दी गई है.
ऑनलाइन परीक्षा से पहले छात्रों को मॉक टेस्ट के माध्यम से अभ्यास कराया जा रहा है. कृषि संकाय द्वारा केन्द्रीयकृत तरीके से बुधवार और गुरूवार को एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर व एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्र-छात्राओं के लिए मॉक टेस्ट का आयोजन किया गया.
इसमें हॉर्टिकल्चर कॉलेज के 100, एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग कॉलेज के 80 तथा 4 एग्रीकल्चर कॉलेजों के करीब 620 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया. इस टेस्ट में छात्रों से सामान्य बातों से सम्बंधित प्रश्न पूछे गये थे.
डीन एग्रीकल्चर डॉ एमएस यादव ने बताया कि कृषि संकाय के हॉर्टिकल्चर, एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग तथा एग्रीकल्चर कॉलेजों में सेमेस्टर आधारित आवासीय शिक्षा प्रणाली लागू है. इंडियन कौंसिल ऑफ़ एग्रीकल्चरल (आईसीएआर) की 5वीं डीन कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर पूरे देश में एक समान कोर्सेज लागू है. सत्र में देरी होने से छात्रों को राष्ट्रीय स्तर पर उच्चतर शिक्षा एवं रोजगार के प्रयासों में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.
डॉ यादव ने कहा कि छात्र हित में छात्रों का समय से सभी परीक्षाओं को लिया जाना जरूरी है. ऑनलाइन मॉक टेस्ट में छात्रों में काफी उत्साह देखने को मिला. सभी छात्र नई परीक्षा व्यवस्था के तहत ऑनलाइन परीक्षा में शामिल होने के लिए उत्सुक दिखे. ऑनलाइन मॉक टेस्ट से छात्रों का परीक्षा अभ्यास काफी सफल रहा है. ऑनलाइन परीक्षाओं की सभी तैयारी पूरी हो चुकी है.
विश्वविद्यालय से अनुमति पर जल्द ही कांके, गोड्डा, देवघर एवं गढ़वा स्थित एग्रीकल्चर कॉलेज, कांके स्थित कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग तथा खूंटपानी (चाईबासा) स्थित कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर के छात्रों के परीक्षाओं का संचालन केन्द्रीयकृत तरीके से होगा. इसमें कांके के एग्रीकल्चर कॉलेज के चार सत्रों, गोड्डा, देवघर एवं गढ़वा स्थित एग्रीकल्चर कॉलेज के तीन सत्रों तथा कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग एवं कॉलेज ऑफ़ हॉर्टिकल्चर के दो सत्रों की परीक्षाएं होंगी.