रांची. राज्यसभा के पूर्व सांसद अजय मारू ने आज एक प्रेस वक्तव्य में कहा है नीट एवं जेईई की परीक्षा के मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा है की परीक्षा नहीं होने से छात्रों का भविष्य अधर में लटक जाएगा और इसके कारण वे एक साल पीछे चले जाएंगे. उन्होंने कहा कि यह सही है की कोरोना संकट अभी भी बरकरार है और हर राज्यों को अपने राज्य के बच्चों की चिंता जरूर है लेकिन जब हम प्रवासी मजदूरों की समस्या से उबर सकते हैं तो इन परीक्षाओं के आयोजन में भी विभिन्न राज्यों के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लें तो बेहतर होगा. मारू ने कहा की परीक्षा स्थगित करने की मांग सर्वप्रथम उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने की थी लेकिन अब वह कह रहे हैं कि हम परीक्षा की सभी तैयारियां को अमलीजामा पहना रहे हैं. मारू ने कहा की परीक्षा आयोजित करने का निर्णय केंद्र सरकार का नहीं है बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से यह परीक्षाएं आयोजित की जा रही है. अतः इस पर किसी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए. मारू ने कहा की झारखंड एवं बिहार के छात्रों के लिए केंद्र तक आना समस्या जरूर है लेकिन राज्य सरकार परिवहन व्यवस्था शुरू कर बहुत हद तक इसका समाधान किया जा सकता है. मारू ने यह भी कहा की केंद्रीय गृह मंत्रालय भी इस मामले में पूरा सहयोग करेगा. उन्होंने कहा की कोरोना महामारी तेजी से बढ़ रहा है फिर भी अगर तमाम व्यवस्था की जा सकती है तो निश्चित रूप से छात्रों का भविष्य अधर में नहीं लटकेगा. उन्होंने कहा की इस मामले में सकारात्मक सोच रखना होगा. ग्रामीण क्षेत्रों से छात्रों को लाना भी एक समस्या है लेकिन राज्य सरकार पहल कर इसे दूर कर सकती है.