रांची: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्वदेशी खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने की अपील की है, प्रधानमंत्री की इस अपील से एकीकृत बिहार में रांची में स्थापित सबसे बड़े सरकारी खिलौना फैक्ट्री के पुनर्जीवित होने की उम्मीद एक बार फिर से बढ़ी है. जब बिहार-झारखंड एक राज्य थे, तब ं तत्कालीन मुख्यमंत्री बिन्देश्वरी दूबे के कार्यकाल में रांची के कोकर स्थित इंस्ट्रीयल एरिया में राज्य सरकार की ओर से खिलौना फैक्ट्री की स्थापना की गयी थी, लेकिन पिछले एक दशक से यह फैक्ट्री बंद पड़ा है. इस खिलौना से कई परिवारों को रोजगार मिलता था, लेकिन खिलौना निर्माण बंद होने से कई इन परिवारों के समक्ष घोर आर्थिक संकट उत्पन्न हो गयी है.
राज्यसभा के पूर्व सांसद अजय मारू ने हेमंत सोरेन सरकार से कोकर स्थित खिलौना फैक्ट्री को फिर से चालू करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा है कि एक जमाने में यह फैक्ट्री काफी लोकप्रिय था और इसमें लकड़ी, बांस और कपड़े से तरह-तरह के देशी खिलौने बनाए जाते थे, जिसकी मांग भी बहुत थी , लेकिन आर्थिक तंगी के कारण इस फैक्ट्री को बंद करना पड़ा इस फैक्ट्री को तत्कालीन बिहार सरकार ने स्थापित किया था. लेकिन राज्य विभाजन के बाद इसकी स्थिति खराब होती गई परिणाम स्वरूप खिलौने का उत्पादन बंद हो गया और बहुत से मजदूर बेकार हो गए . अजय मारू ने कहा की इस फैक्ट्री के द्वारा उत्पादित खिलौने काफी मजबूत हुआ करते थे. उन्होंने कहा की पुनः इस खिलौने की फैक्ट्री को चालू कर देने से कई लोगों को रोजगार मिल सकेगा.
अजय मारू ने कहा कि वैसे भी झारखंड की संस्कृति में खिलौने का काफी महत्व है गांव में आज भी लकड़ी और बांस के खिलौनों का निर्माण हो रहा है , जिसकी बिक्री भी हो रही है . इसे बढ़ावा देने के लिए व्यावयायिक रूप देने की जरूरत है,ताकि नयी पीढ़ी भी खिलौना निर्माण उद्योग में आगे आये. उन्होंने राज्य सरकार से यह भी मांग की कि खिलौने के छोटे-छोटे उद्योग झारखंड के सुदूर गांव में स्थापित कर ग्रामीण महिलाएं और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए. उन्होंने बताया कि झारखंड में बांस का उत्पादन बहुत ज्यादा होता है और उससे भी अच्छे खिलौने का उत्पादन किया जा सकता है.