जम्मू कश्मीर को लेकर राज्यसभा में पेश विधेयक के बाद बदली परिस्थितियों के मद्देनजर तिहाड़ जेल के अंदर व बाहर सुरक्षा घेरे को और कड़ा कर दिया गया है। खासकर ऐसे जेल जिसमें कश्मीर के अलगाववादी नेता बंद हैं, वहां की सुरक्षा को लेकर विशेष चौकसी बरती जा रही है। रविवार को जिस तरह से सोशल मीडिया में तिहाड़ में बंद अलगाववादी नेता यासीन मलिक के स्वास्थ्य को लेकर अफवाहें उड़ीं, उसे देखते हुए जेल प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। जेल सूत्रों के अनुसार तिहाड़ की विभिन्न जेलों में करीब सौ कैदी कश्मीर के हैं। इनमें से करीब एक चौथाई कैदी ऐसे हैं जो एनआइए से जुड़े मामले में तिहाड़ लाए गए हैं। कई कैदी ऐसे हैं जिन्हें जम्मू कश्मीर के कोट लखपत जेल से यहां लाया गया है। अलगाववादी नेताओं की बात करें तो मुख्य रूप से अभी जेल संख्या चार में शब्बीर शाह, जेल संख्या आठ में यासीन मलिक व जेल संख्या छह (महिला जेल) में दुख्तरान-ए-मिल्लत की प्रमुख आसिया अंद्राबी बंद हैं।
तीनों ही जेलों में उनकी सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। उन्हें ऐसे बैरकों में रखा गया है जहां सीसीटीवी का पहरा हर समय रहता है। जेल में बंद कैदियों को भी उनसे मिलने के लिए सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ी कड़ी जांच से गुजरना पड़ रहा है। दोनों ही जेलों में पाकिस्तानी कैदियों की बैरकों से उन्हें दूर रखा गया है। अधिकारी रोजाना इनकी सुरक्षा की रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को भेज रहे हैं।
रविवार शाम तिहाड़ में बंद अलगाववादी नेता जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के संस्थापक यासीन मलिक की पत्नी ने ट्वीट करके अपने पति की सेहत के प्रति लापरवाही बरतने का जेल प्रशासन पर आरोप लगा दिया। देर शाम जेल प्रशासन ने इस बात को पूरी तरह स्पष्ट कर दिया कि यासीन मलिक पूरी तरह स्वस्थ हैं।
जेल प्रशासन का साफ-साफ कहना है कि तिहाड़ में बंद किसी भी कैदी के स्वास्थ्य को लेकर जेल प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहता है। तिहाड़ के सभी जेल अधीक्षक को इस बात के निर्देश दिए गए हैं कि वे जेल में बंद कश्मीर के कैदियों के स्वास्थ्य की समय समय जांच कराएं और अपनी रिपोर्ट को हमेशा दुरुस्त रखें। कोई भी अंजान कैदी यदि कश्मीर के कैदियों से नजदीकी बढ़ाने में जुटा हो तो उसके बारे में पूरी जानकारी रखें।
तिहाड़ की विभिन्न जेलों में अभी करीब सौ ऐसे कैदी हैं जो कश्मीर के रहने वाले हैं। इनमें से करीब एक चौथाई ऐसे हैं जो एनआइए से जुड़े मामले में जम्मू कश्मीर के कोट लखपत जेल से यहां लाए गए हैं। ऐसे कैदियों के लिए जेल के भीतर तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा हमेशा मौजूद रहता है। यहां समय समय पर कश्मीर से लाए गए ऐसे कैदी भी रहते हैं जो कोर्ट में पेशी के लिए दिल्ली लाए जाते हैं और उन्हें यहां एक या दो दिन के लिए रखा जाता है।