नई दिल्लीः मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने समायोजित सकल राजस्व (AGR) बकाया भुगतान मामले कंपनियों को 10 साल का समय दिया है.
कोर्ट के फैसले के बाद से एयरटेल के शेयर में बढ़त देखी गई. एयरटेल का शेयर 4.5 फीसदी चढ़ा जबकि आईडिया वोडाफोन के शेयर में 10 फीसदी गिरावट देखी गई.
तारीख 24 अक्टूबर 2019, सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम सेक्टर के इतिहास में एक बड़ा फैसला सुनाया. आदेश में लिखा था, AGR यानि एडजेस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू की रकम टेलीकॉम कंपनियों से वसूली जाए.
रकम भी छोटी मोटी नहीं बल्कि हजारों करोड़ों में लेकिन कोर्ट ने ये फैसला क्यों दिया. मामले को समझना है तो वक्त में पीछे जाना होगा करीब 15 साल पीछे. ये था सन 2005 जब टेलीकॉम कंपनियों और सरकार के बीच मतभेद हो गया, वजह थी टेलीकॉम कंपनियों की कमाई गिनने का तरीका.
कंपनियों की दलील थी की उनकी कमाई में सिर्फ टेलीकॉम ऑपरेशन से हुई आय को ही गिना जाए जबकि सरकार का मानना था कि इसमें कंपनियों की संपत्ति, जमा पर ब्याज, किराए जैसी चीजों को भी जोड़ा जाए. मामला कोर्ट पहुंचा और सुनवाई चलती रही लेकिन फैसला आते आते AGR की ये रकम पहाड़ जैसी हो गई.
2019 में जब कोर्ट ने फैसला सुनाया, तो चुकाने के लिए मिला सिर्फ 3 महीने का वक्त. कोर्ट का आदेश साफ था. पूरा पैसा 23 जनवरी 2019 तक भर दिया जाए. जाहिर है ये आदेश टेलीकॉम कंपनियों को हिला देने वाला था. कंपनियां फैसले पर रिव्यू के लिए फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची लेकिन 16 जनवरी को ये याचिका भी खारिज हो गई.
फिर आई 23 जनवरी, पैसा भरने का आखिरी दिन लेकिन सरकार के एक डेस्क ऑफिसर ने जारी किया एक आदेश, जिसने कंपनियों के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई को रोक दिया.
जाहिर है देश की सर्वोच्च अदालत को ये सब अच्छा नहीं लगा, 14 फरवरी फिर बेंच बैठी, टेलीकॉम कंपनियों को तो फटकार लगी ही, सरकारी अधिकारी कोर्ट की अवमानना का दोषी माना गया.