रांची : प्रदेश में संपूर्ण लाॅकडाउन अवधि का फिक्सड इलेक्ट्रिसिटी चार्ज को माफ करने हेतु झारखण्ड राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा आयोजित निर्णायक जनसुनवाई में आज फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैंबर ऑफ काॅमर्स एण्ड इन्डस्ट्रीज ने मुख्य रूप से हिस्सा लिया और पुरजोर ढंग से फिक्सड् चार्ज माफ करने की मांग की. जनसुनवाई में चैंबर की ओर से उच्च न्यायालय के वरीय अधिवक्ता सुमित गाडोदिया ने कहा कि झारखण्ड में तीन डिस्ट्रीब्यूशन लाईसेंसी जेबीवीएनएल, डीवीसी और जुसको हैं. डीवीसी और जेबीवीएनएल के टैरिफ ऑर्डर में यह स्पष्टतः प्रावधानित है कि यदि कोई ऐसी घटना घटित होती है जो उपभोक्ता के कंट्रोल से बाहर है और वह बिजली आपूर्ति नहीं ले सके तब उन्हें फिक्सड चार्ज में पूर्णतः छूट दी जायेगी. उन्होंने क्लाॅज का हवाला देते हुए नियामक आयोग से आग्रह किया कि प्रदेश में स्थित सभी व्यापारियों व औद्योगिक प्रतिष्ठान/इकाईयों को संपूर्ण लाॅकडाउन अवधि का फिक्सड इलेक्ट्रिसिटी चार्ज माफ किया जाय। जुसको के प्रावधानों का भी उन्होंने उल्लेख करते हुए आयोग को यह बताया कि जुसकों के एग्रीमेंट में ऐसा कोई क्लाॅज नहीं है किंतु वैश्विक महामारी जैसी विकट परिस्थिति को देखते हुए जुसको भी फिक्सड इलेक्ट्रिसिटी चार्ज नहीं वसूल सकता है.
नियामक आयोग ने सुझावोंपरांत संपूर्ण मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है. ज्ञातव्य है कि इससे पूर्व भी 19 अगस्त और 28 अगस्त को चैंबर द्वारा आयोग के समक्ष इस मांग को तर्कपूर्ण ढंग से उठाया गया था.