जगदम्बा प्रसाद शुक्ल,
प्रयागराज: संपूर्ण विश्व रामराज के स्वरूप व राम मंदिर का राम जन्म स्थान पर निर्माण देखने के लिए आतुर था . तरह-तरह के अच्छे बुरे विचार प्रकट किए जा रहे थे किंतु सनातन धर्म के प्रति घोर आस्था, भारत की निष्पक्ष निर्भीक न्यायिक प्रक्रिया और देश के अंदर सभी वर्ग व विचारधारा के लोगों की आपस में सद्भावना ने ही अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया. स्वामी जी ने कहा कि भगवान राम मंदिर निर्माण प्रारंभ करने में विलंब होना ठीक था लेकिन आपस में दुर्भावना का बने रहना ठीक नहीं था. आज यहां अपनी 10 घंटे की अयोध्या यात्रा से लौटकर अपने प्रयागराज स्थित भगवान शंकराचार्य मंदिर, श्री ब्रह्म निवास में श्रीमद् ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य एवं श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के संस्थापक सदस्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी ने कहा,
पूज्य शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी का संतों एवं भक्तों का समूह प्रातः 8:30 बजे ब्रह्म निवास से चलकर अयोध्या पहुंचा जहां प्रभु श्री राम लला के (राम दरबार) में दर्शन पूजन व परिक्रमा किया. इसके बाद भूमि पूजन स्थल पर गए वहां पर श्रीराम शीला अर्पित किया. कारसेवक पुरम पहुंचकर निरीक्षण किया वह श्री राम जन्म भूमि स्थल तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय से मिलकर प्रयाग वापस आ गए.