सुरूर रज़ा,
रांची: आज शिक्षक दिवस है, पर शिक्षक मायूस हैं. इस कोरोनकाल में शिक्षकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. शिक्षक दिवस के दिन रांची के प्राइवेट शिक्षकों ने रांची के मोरहाबादी मैदान में बाबू वाटिका के समक्ष अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया.
शिक्षकों का कहना है कि इस कोरोना महामारी के बीच सरकार प्राइवेट स्कूलों पर ध्यान नहीं दे रही है. स्कूलों में शिक्षकों को वेतन देना अब स्कूल प्रबंधक के बस की बात नहीं रही.
पिछले 6 महीने से कोरोना महामारी के बीच स्कूल प्रबंधक के पास पैसा नहीं आने से स्कूल का बिजली बिल मेंटेनेंस करना भी काफी मुश्किल हो गया है. यहां तक कि कई लोगों को अपना परिवार चलाना तक मुश्किल हो रहा है. स्कूल प्रबंधक से जुड़े कई परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं.
क्या कहते हैं शिक्षक
नेशनल प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के सचिव सलवाहन कुमार ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वजह से 6 महीने से स्कूल बंद है. हमारे छोटे-छोटे विद्यालय हैं. स्कूल फीस नहीं मिलने का कारण हमलोग को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार से यही गुजारिश है कि हमें आर्थिक मदद मिले. हम अपनी परेशानियों को दूर कर सके.
साथ ही, सरकार से यह भी गुजारिश की है कि यू डाइस प्राप्त सभी गैर मान्यता वाले स्कूलों को शीघ्र मान्यता दी जाए. कुछ शिक्षकों का यह कहना था कि शिक्षक देश के कर्णधार होते हैं, परंतु आज सारे शिक्षक बेबस ओर लाचार हो गये है.