दिल्ली: आम लोगों से दूर और चार दीवारी के अंदर जेल की दुनिया से आम आदमी अंजान रहता है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट (प्रिजन स्टेटिस्टिक्स इंडिया 2019) हाल ही में सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, देश की 1350 जेलों पर वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान कुल 5,958 करोड़ रुपए खर्च हुए.
इसमें सिर्फ कैदियों पर किया गया कुल खर्च करीब 2060.96 करोड़ रुपए है. 2019 के अंत तक देश की जेलों में करीब 4.78 लाख से अधिक कैदी थे. इस तरह जेलों में बंद प्रति कैदी, प्रति दिन का खर्च करीब 118 रुपए रहा.
रिपोर्ट के मुताबिक, विभिन्न राज्य सरकारें जो पैसा खर्च करती हैं, वह मंजूर बजट खर्च से करीब 860 करोड़ रुपए कम रहा. जबकि कुल जेल कर्मचारियों में से महज आधे से कुछ ज्यादा के लिए ही आवास की सुविधा उपलब्ध है. कैदियों पर खर्च होने वाले अलग-अलग खर्चों में सबसे ज्यादा 986 करोड़ रुपए का खर्चा खाने का है.
इसके बाद करीब 89.48 करोड़ रुपए का खर्च दवाई का है. जबकि 24 करोड़ रुपए से ज्यादा कैदियों की ट्रेनिंग और एजुकेशन पर खर्च किया गया है. कैदियों के कपड़ों और कुछ चीजों पर 22.56 करोड़ रुपए खर्च किए गए. इसी तरह कैदियों की वेलफेयर एक्टिविटी पर 20.27 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए गए.