झारखंड के एक आईजी के हस्ताक्षर से निकला प्रतिनियुक्ति का आदेश
रांची: राज्य पुलिस मुख्यालय ने एक बड़ा कदम उठाते हुए एटीएस और एसटीएफ के वैसे सभी जवानों को वापस बुलाने का आदेश दिया है जो किसी भी अधिकारी के यहां पर नियुक्त किया गया है. इसमें कुक और माली भी शामिल है. पुलिस मुख्यालय को पता चला है कि जैप के जवानों को दूसरे राज्यों में प्रतिनियुक्त करने का आदेश आईजी स्तर के एक अधिकारी ने क्रमवार निकाला है जो नियम विरुद्ध है, सरकार इस पर गंभीर है.
कुछ दिन पहले अहर्ता पूरी नहीं करने वाले अधिकारियों के अंगरक्षक वापस लेने का आदेश दिया गया था. मुख्यालय ने पाया है कि कई ऐसे अधिकारी हैं जो नियम विरुद्ध झारखंड पुलिस के जवानों की फौज अपने घर में रखे हुए हैं. इसमे डीजी स्तर के तीन रिटायर्ड अधिकारी भी हैं. उन सभी जवानों को वापस करने की कार्यवाही शुरू की गई है. कार्मिक के डीआईजी विजयालक्ष्मी के हस्ताक्षर से निकाले गए आदेश में एटीएस और एसटीएफ के अंगरक्षक को तुरंत वापस करने का आदेश दिया गया है. छानबीन में पता चला है कि विशेष शाखा का एक चालक 2012 से दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर है. वहां वह इनोवा गाड़ी चलाता है. इसकी प्रतिनियुक्ति झारखंड भवन में की गई है लेकिन वह वहां नहीं है.
डीजी रिजर्व के नाम पर ढेर सारी गाड़ी
हद तो तब हो गई जब दिल्ली में डीजी रिजर्व के नाम से 4 गाड़ियां भेज दी गई. इसके साथ चार ड्राइवर भी भेजे गए जो जैप के जवान हैं. मुख्यमंत्री के लिए भी इतनी गाड़ी शायद दिल्ली में नहीं होती. इन सभी गाड़ियों का उपयोग कहां और किसके लिए हो रहा है इसकी भी जांच की जरूरत है. पुलिस हेड क्वार्टर इन सभी मामलों में गंभीर है.
क्या कहता है नियम
राज्य के बाहर अनुसंधान के लिए पुलिसकर्मियों को भेजने की इजाजत डीआईजी स्तर के अधिकारी देते हैं. वह भी सिर्फ 3 दिनों के लिए दूसरे राज्य में प्रतिनियुक्त करने का अधिकार सरकार या फिर उनकी ओर से डीजीपी करते हैं. राज्य के जवान जो दूसरे राज्यों में है उनकी प्रतिनियुक्ति ना तो सरकार के स्तर से की गई है और ना ही उस पर डीजीपी का आदेश है.