दिल्ली: देश को रक्षा अनुसंधान के क्षेत्र में बड़ी सफलता मिली है. देश में हाइपरसोनिक टेक्वॉलोजी डेमोनस्ट्रएटर वीइकल (HSTDV) का सफल परीक्षण किया गया है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इसमें देश में विकसित किए गए सक्रेमजेट प्रपल्शन सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है.
HSTDV एक दोहरे उपयोग की टेक्नॉलोजी है. बताया जा रहा है कि आने वाले टाइम में इसे कई सारी चीजों में इस्तेमाल किया जा सकेगा. इसका हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल बनाने में इस्तेमाल होगा. इसी के साथ इससे काफी कम खर्चे में सैटेलाइट की लॉन्चिंग भी की जा सकेगी. इसके अलावा ये लंबी दूसरी की क्रूज मिसाइल के लिए यान के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा.
HSTDV एक दोहरे उपयोग की टेक्नॉलोजी है. बताया जा रहा है कि आने वाले टाइम में इसे कई सारी चीजों में इस्तेमाल किया जा सकेगा. इसका हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल बनाने में इस्तेमाल होगा. इसी के साथ इससे काफी कम खर्चे में सैटेलाइट की लॉन्चिंग भी की जा सकेगी. इसके अलावा ये लंबी दूसरी की क्रूज मिसाइल के लिए यान के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा.
इसी के साथ भारत उन कुछ देशों में शामिल हो गया है जिनके पास इस प्रकार की तकनीक है. इस तकनीक को अपने देश में विकसित करने की लिस्ट में अमेरिका, रूस, चीन भारत शामिल है.
राजनाथ सिंह ने बधाई देते हुए कहा,’ मैं DRDO को इस महान उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं जो पीएम के अतंरिम्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में है. मैंने परियोजना से जुड़े वैज्ञानिकों से बात की उन्हें इस महान उपलब्धि पर बधाई दी। भारत को उन पर गर्व है.’