पटना: बिहार में कुछ महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को आभासी रैली के जरिए चुनावी बिगुल फूंक दिया है. अपनी पहली आभासी रैली में उन्होंने कहा कि कोरोना के कहर को देखते हुए हमने केंद्र से पहले ही लॉकडाउन शुरू किया. अब अनलॉक शुरू हो चुका है. हम केंद्र के दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पहले बिहार में क्या हो रहा था. 15 साल तक पति-पत्नी का राज चला, सामूहिक नरसंहार होता था. पहले लोग गवाही देने से भागते थे, अब गवाही देने लगे. पहले शाम होने से पहले लोग घर के अंदर चले जाते थे. राइफले औंर बंदूकें दिखाई जाती थी. अब अपराध के ग्राफ में गिरावट आई है.
2005 में हमने सत्ता संभाली और तब से हम अपराध पर जीरो टॉलरेंस का रुख अपनाए हुए हैं. बिहार में ज्यादातर अपराध की वजह भूमि विवाद है. इसके अलावा आपस में लोग परिवार का बंटवारा नहीं करते थे क्योंकि रजिस्ट्री का चार्ज काफी ज्यादा होता था. लेकिन अब परिवार में बंटवारे के लिए 100 रुपये का सांकेतिक रजिस्ट्री चार्ज लगता है.
लालू और राबड़ी पर निशाना साधते हुए नीतीश ने कहा कि हमसे पहले जो लोग सत्ता में थे उन्होंने क्या किया. कब्रिस्तान और मंदिरों का ही हाल देख लीजिए. न कब्रिस्तान की घेराबंदी थी और न ही मूर्ति चोरी रोकने के उपाय. हमनें 6,099 कब्रिस्तानों की घेराबंदी करवाई.
मंदिर में मूर्ति चोरी रोकने के लिए 226 मंदिरों में चाहरदीवारी का निर्माण कार्य पूरा किया. हमने भागलपुर दंगों की जांच पूरी करवाई. जब हमें काम करने का मौका मिला तो हमने लक्ष्य रखा कि कहीं से भी राजधानी पटना आने में 6 घंटे से ज्यादा का समय न लगे. ये लक्ष्य पूरा हो गया है.