रांची: सड़क किनारे काम करने वाले कारोबारियों के लिए स्व निधि योजना को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा ने आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने वाला योजना करार दिया है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा कोरोना वायरस की स्थिति को देखते हुए सड़क किनारे काम करने वाले कारोबारियों के लिए यानी ऐसे ठेला वाले, फेरी वाले व छोटे कारोबारियों के लिए लोन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की शुरुआत की गई.
इस योजना के तहत माइक्रो क्रेडिट लोन उपलब्ध कराया जाता है. इस योजना के तहत अधिकतम लोन ₹10000 तक का लोन मिलना तय हुआ है. पीएम स्व निधि योजना का लाभ 50 लाख से भी अधिक लोगों को मिलेगा.
उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति इस कर्ज को समय से पहले चुका देता है तो फिर से वह इससे अधिक कर्ज लेने के लिए पात्र हो सकता है. साथ ही जो कोई स्ट्रीट वेंडर डिजिटल पेमेंट को स्वीकार करता है, उन्हें सरकार के तरफ से कैश बैक भी दिया जाएगा.
साथ ही पहले 50 लेनदेन करने पर अतिरिक्त ₹50 और अगले 50 लेनदेन करने पर अतिरिक्त ₹25 और अगले सौ लेनदेन करने पर अतिरिक्त ₹25 दिए जाएंगे. कर्ज लेने के लिए व्यापारी को किसी प्रकार की गारंटी देने की जरूरत नहीं है.
वर्मा ने बताया कि योजना के तहत जो कोई व्यापारी समय से पहले लोन की रकम को चुका देता है, उसे 7 फीसदी का वार्षिक ब्याज सब्सिडी के रूप में उनके बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाएगा और तो और इस स्कीम की सबसे अच्छी बात यह है कि इसके तहत जुर्माने का कोई भी प्रावधान नहीं किया गया है.
नाई की दुकान, जूता बनाने वाले (मोची), पान की दुकान (पनवाड़ी), सड़क के किनारे सब्जी बेचने वाले, कपड़े धोने वाले की दुकान (धोबी), फल बेचने वाले, चाय का ठेला लगाने वाले, स्ट्रीट फूड विक्रेता, फेरी वाला जो वस्त्र इत्यादि बेचता है, खोखा लगाने वाले, चाऊमीन, ब्रेड पकोड़ा, अंडे बेचने वाले विक्रेता, सड़क के किनारे किताबें स्टेशनरी लगाने वाले, कारीगर और सभी प्रकार के छोटे-मोटे कारोबारी को इसका सीधा लाभ मिलेगा.
उन्होंने कहा कि हमारे देश में गरीबों की बात बहुत हुई है लेकिन गरीबों के लिए जितना काम पिछले 6 साल में हुआ है, उतना पहले कभी नहीं हुआ. हर वो क्षेत्र, हर वो सेक्टर जहां गरीब – पीड़ित-शोषित-वंचित, अभाव में था,मोदी सरकार की योजनाएं उनका संबल बनकर आई.