केंद्र सरकार 2481करोड़ जीएसटी क्षतिपूर्ति का उपलब्ध कराये
रांची. झारखंड सरकार ने जीएसटी क्षतिपूर्ति को लेकर केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा राज्य को दिये गये दोनों विकल्पों को खारिज कर दिया है. राज्य के वित्तमंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने केंद्रीय वित्तमंत्री डॉ. निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में कहा है कि उनके द्वारा सुझाये गये दोनों ही विकल्पों से राज्य सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ जाएगा और यह झारखंड के हित के विरूद्ध होगा.
डॉ. रामेश्वर उरांव ने बताया कि केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक में जीएसटी क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई. इस बैठक में उनकी ओर से जो विकल्प राज्यों को दिये गये है, उसे अपनाने से झारखंड जैसे पिछड़े राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ़ जाएगा और यह राज्यहित में नहीं है, इसलिए इन दोनों ही विल्कपों को खारिज करते हुए केंद्र सरकार से यह आग्रह किया गया है कि झारखंड को जीएसटी क्षतिपूर्ति का बकाया 2481 करोड़ रुपये का तत्काल भुगतान करें. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमणकाल में झारखंड के राजस्व संग्रहण में भारी गिरावट दर्ज की गयी है, वहीं जीएसटी क्षतिपूर्ति का भुगतान करना केंद्र सरकार का संवैधानिक और नैतिक दायित्व है, केंद्र सरकार को सहकारी संघवाद को मजबूत करने में अपनी जिम्मेवारियों का निवर्हन करें.
डॉ. उरांव ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल में देश-दुनिया की आर्थिक व्यवस्था प्रभावित हुई है, इसकी किसी ने परिकल्पना नहीं की गयी थी, लेकिन मौजूदा परिस्थिति में केंद्र सरकार को अधिक से अधिक सहायता राज्यों को उपलब्ध कराना चाहिए, क्योंकि झारखंड जैसे राज्यों ने जीएसटी को स्वीकार राजस्व संग्रहण के मामले में अपनी पूरी शक्ति या रीढ़ की हड्डी केंद्र को सौंप दी है,ऐसे में राज्यों को मदद पहुंचाना केंद्र सरकार का नैतिक दायित्व है. वित्तमंत्री ने बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद बीच मंझधार में वायदे और कानूनी देयता से मुकरना सहकारी संघवाद की भावना के विपरीत होगा. उन्होंने यह भी कहा कि यह सही है कि कोविड-19 के कारण राजस्व संग्रहण कम हुए है,क्योंकि विकास दर में सुस्ती आ गयी है, लेकिन केंद्र सरकार चाहे, तो कुछ और चीजों पर उपकर लगा सकता है, लेकिन राज्यों के पास राजस्व संग्रहण के उपाय सीमित है. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार के पास ज्यादा सोर्स है और केंद्र सरकार उधार लेकर राज्यों को उपलब्ध करा सकती है.