जब भी मेरा किरदार बताया जाएगादावा है, वो असरदार बताया जाएगा
मैंने बचाया है कविताओं को मरने सेमुझे सभ्यता का पहरेदार बताया जाएगा
मैंने बोए हैं कितने ही अनकहे अहसासमुझे नई फसलों का जमींदार बताया जाएगा
जितना भी पाया, अपनी मेहनत से पायारकीबों में भी मुझे खुद्दार बताया जाएगा
ना कोई लाग-लपेट, ना कोई छींटाकशीमेरी सीरत को धारदार बताया जाएगा
कल को अगर मैं ना भी रहा तो क्या होगामेरी बातों को पर जानदार बताया जाएगा
सलिल सरोज