Tag: kavya rachna

“मैं अंग हूं”: ऋषि के तप और गणिका के सौंदर्य के बीच छिड़ा था संग्राम – 2

आश्रम के बाहर तो सबकुछ सामान्य-सामान्य था, लेकिन अंदर गणिका और ऋषि के बीच खामोश जंग चल रही थी. एक ...

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मैं अंग हूं: गणिका का वह संपूर्ण श्रृंगार सिर्फ ऋषि के नाम था -1

जब तक गणिका की नौका लक्ष्य तक पहुंची, पहले से पहुंचे गुप्तचर ऋषि विभांडक की दिनचर्या का पता लगा चुके ...

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जब भी मेरा किरदार बताया जाएगादावा है, वो असरदार बताया जाएगा

जब  भी  मेरा किरदार  बताया   जाएगादावा  है, वो  असरदार  बताया   जाएगा मैंने   बचाया   है   कविताओं को मरने सेमुझे सभ्यता  का ...

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——-प्लास्टिक—-

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-------प्लास्टिक---- जगते प्लास्टिक सोते प्लास्टिक। दिन में प्लास्टिक रात में प्लास्टिक। जहर फैला रही है प्लास्टिक। धुंआ धुंआ बिखरा रही ...

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