संवाददाता, रांची
मॉब लिंचिंग पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश को लेकर राज्य के पुलिस महानिदेशक के. एन.चौबे ने वरीय पुलिस अधिकारियों के साथ बुधवार को बैठक की. बैठक पुलिस मुख्यालय में बुलायी गयी थी. उन्होंने मॉब लिंचिग से संबद्ध कांडों के अनुसंधान की अद्यतन स्थिति की जानकारी भी ली. उन्होंने अन्य अपराधिक घटनाओं के ट्रायल का जायजा भी लिया. डीजीपी ने वीडियो कांफ्र्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला के वरीय पुलिस अधीक्षकों, रेल पुलिस अधीक्षकों सहित क्षेत्रीय पुलिस उप-महानिरीक्षकों के साथ बातचीत भी की.
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मॉब-लिंचिंग से संबद्ध प्रतिवेदित कांडों की समीक्षा के दौरान पुलिस महानिदेशक ने लंबित घटनाओं में तत्परतापूर्ण कार्रवाई करने का निर्देश दिया. उन्होंने इन मामलों में उनका अनुसंधान शीघ्रातिशीघ्र पूरा करने को कहा. इन मामलों की जिलावार समीक्षा क्षेत्रीय स्तर पर सभी क्षेत्रीय पुलिस उप-महानिरीक्षकों के स्तर से करने के आदेश दिये गये. अपराध अनुसंधान विभाग के स्तर से सभी जिलों के मामलों की निगरानी पूर्व की तरह जारी रखने को कहा गया.
बैठक में बताया गया कि तीन वर्षों में कुल चार विचाराधीन मामलों में 51 अभियुक्तों को सबंधित घटनाओं पर विभिन्न न्यायालयों द्वारा सजा सुना दी गयी है. इसमें लोहरदगा के कैरो थाना कांड संख्या में 22, रामगढ़ थाना कांड संख्या में 11 और बालूमाथ के लातेहार थाना कांड 42/16 में कुल-08 को सजा दी जा चुकी है. बोकारो के चंद्रपुरा थाना कांड संख्या- 46/17 में कुल-10 अभियुक्तों को सजा सुनाई गयी है.
समीक्षा के दौरान जिलों में बनाये गये नोडल पदाधिकारियों सहित संबंन्धित जिला के वरीय पुलिस अधीक्षकों, पुलिस अधीक्षकों द्वारा मॉब-लिंचिंग के संभावित स्थानों, क्षेत्रों को चिह्नित करने का आदेश दिया गया. इन घटनाओं की रोकथाम के लिए ऐहतियाती कदम उठाने की बातें कही गयी.
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प्रत्येक माह जिला स्तर पर मामलों की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया. मॉब लिंचिग की घटना पर अंकुश लगाने के लिए रेडियो, टेलीविजन, अन्य इलेक्ट्रोनिक मीडिया एवं बैनर तथा पोस्टर के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराने का विशेष निर्देश भी दिया गया.
बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक (अपराध अनुसंधान), अपर पुलिस महानिदेशक (अभियान), पुलिस महानिरीक्षक (मानवाधिकार), पुलिस महानिरीक्षक (अभियान), पुलिस महानिरीक्षक (प्रोविजन), क्षेत्रीय पुलिस उप-महानिरीक्षक समेत अन्य अधिकारी शामिल हुए.