लखनऊ: 26 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उनके सरकारी आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी. जिसमे सीएम ने यूपी के लिए एक विशेष सुरक्षा बल एसएसएफ के गठन का फैसला किया था. बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, डीजीपी एचसी अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल और प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे थे.
सीएम योगी द्वारा ज़रूरी अधकारियों को एसएफएफ के गठन की प्रक्रिया जल्द शुरू करने के दिशा-निर्देश जारी किए थे. जिसपर रविवार को मुहर लग गई है. यूपी में स्पेशल सिक्योरिटी फ़ोर्स का गठन किया गया है. इसकी सूचना शासन की तरफ से आज जारी हुई. स्पेशल सिक्योरटी फ़ोर्स को सरकार की तरफ से बहुत सारी शक्तियां प्रदान की गई हैं. एसएसएफ मेट्रो रेल, एयरपोर्ट्स, औद्योगिक संस्थान, बैंक सहित अन्य वित्तीय संस्थाओं की सुरक्षा करेगी. बता दें कि एसएसएफ बिना वारंट के गिरफ्तारी और तलाशी कर सकेगी. बिना सरकार को बताए एसएसएफ के अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध कोर्ट भी संज्ञान नहीं लेगा. इस फ़ोर्स के पास महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों, दफ्तरों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी होगी.
बताया गया है कि प्राइवेट कंपनियां भी पेमेंट देकर इसकी सेवाएं ले सकेंगी. एसएसएफ को हर हालात पर काबू पाने के लिए स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी. यह फ़ोर्स आधुनिक हथियारों से लेस होगी। एसएसएफ का मुखिया एडीजी स्तर का अधिकारी होगा और इसका मुख्यालय लखनऊ में ही स्थित होगा. गौरतलब कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस विशेष सुरक्षा बल की मंजूरी 26 जून को ही दे दी थी. जिसके बाद कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए एसएसएफ के गठन की मंजूरी के बाद रविवार को गृह विभाग ने भी इसकी अधिसूचना जारी कर दी. शुरूआती दौर में एसएसएफ की पांच बटालियन गठित होंगी जिसके एडीजी अलग होंगे. स्पेशल सिक्योरिटी फ़ोर्स अलग अधिनियम के तहत कार्य करेगी. फ़ोर्स को स्पेशल पॉवर प्रदान की गई हैं, जिसके वो कहीं भी बिना वारंट के तलाशी व गिरफ्तारी कर सकेगी.