रांची: राज्य में अनुबंध पर नियुक्त 2200 से अधिक सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन तीसरे दिन भी जारी है, दो रात मोरहाबादी मैदान में खुले आसमान के नीचे गुजारने वाले सहायक पुलिसकर्मियों का धैर्य अब धीरे-धीरे जवाब दे रहा है, आक्रोशित जवानों ने सुबह में मुख्यमंत्री आवास के घेराव के लिए मोरबाहादी मैदान से आगे बढ़े, लेकिन बैरिकेटिंग कर उन्हें रोक दिया गया. इस दौरान मौके पर पहुंचे रांची में वरीय पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र कुमार सिंह ने उन्हें समझाने की कोशिश की, जिसके बाद सभी वापस मोरहाबादी मैदान वापस लौट गये. हालांकि इस दौरान कुछ देर के लिए सड़क आवागमन भी बाधित रहा.
इधर, सहायक पुलिसकर्मियों के आंदोलन को देखते हुए सीएम आवास और राजभवन की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. राजभवन और सीएम आवास के पास बैरिकेडिंग कर दी गई है. साथ ही भारी संख्या में महिला और पुलिस जवानों की तैनाती की गई है.
गौरतलब है कि सीधी नियुक्ति की मांग को लेकर राज्य के 12 जिलों से लगभग 22 से अधिक सहायक पुलिसकर्मी शुक्रवार रात से ही मोरहाबादी में जमे हुये हैं. इस बीच डीआईजी और एसएसपी सुरेंद्र झा ने कई सहायक पुलिसकर्मियों से बात की और उन्हें समझाने का प्रयास किया, लोकिन वे लोग मुख्यमंत्री से बातचीत करने की मांग पर हड़े है.
हालांकि मोरहाबादी में हंगामे के बाद सहायक पुलिसकर्मियों के एक प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए सीएमओ से बुलाया गया था, जहां मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरूण एक्का की सहायक पुलिसकर्मियों के प्रतिनिधियों से बात भी हुई, लेकिन वार्ता विफल रही. सहायक पुलिसकर्मी स्थायीकरण की मांग को लेकर अड़े हुये हैं और इससे कम किसी भी आश्वासन को मानने को तैयार नहीं हैं.
सहायक पुलिसकर्मियों की मांग है कि उन्हें नौकरी में स्थायी किया जाए. उनका कहना है कि तीन साल पहले उन्हें अनुबंध के तौर पर नियुक्ति किया गया था. साथ ही कहा गया था कि उनकी ड्यूटी संतोषजनक होगी तो ही उन्हें परमानेंट किया जाएगा.
गौरतलब है कि वर्दी-ए-इंसाफ आंदोलन को लेकर सहायक पुलिसकर्मी शुक्रवार देर रात से मोरहाबादी मैदान में जुटने लगे थे, जो सिलसिला सोमवार सुबह तक जारी है.