दिल्ली: संसद का मानसून सत्र शुरू होने के पहले से ही विपक्ष लद्दाख में चीन के साथ जारी सीमा विवाद पर सरकार से जवाब मांगता आ रहा है. अब इसी कड़ी में बुधवार को सरकार ने इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जिसमें कई राजनीतिक दलों के नेता शामिल होंगे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैठक का समय बुधवार शाम करीब पांच बजे रखा गया है. मालूम हो कि लोकसभा में चीन के मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान के ठीक एक दिन बाद यह बैठक बुलाई जा रही है.
रिपोर्ट्स की मानें तो इसके अलावा बैठक में सरकार आने वाले दिनों में संसद सत्र को कैसे चलाया जाए, उसकी प्लानिंग पर भी चर्चा करेगी. माना जा रहा है कि बैठक में कांग्रेस LAC पर जारी तनाव पर कोई ठोस कदम या मंथन की मांग रख सकती है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में चीन (China) मुद्दे पर बयान देकर ’लद्दाख में सीमा पर हालात’ के बारे में देश को अवगत कराया. उन्होंने खुले तौर पर माना कि चीन ने लद्दाख में भारत की लगभग 38 हजार वर्ग किमी भूमि पर अनधिकृत कब्जा किया है.
इसके अलावा 1963 में एक तथाकथित सीमा-समझौते के तहत पाकिस्तान ने पीओके की 5180 वर्ग किमी भारतीय भूमि को अवैध रूप से चीन को सौंप दी है. अपनी जमीन और सीमा की रक्षा करते हुए कर्नल संतोष बाबू और उनके 19 वीर साथियों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है.
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में चीनी पक्ष ने एलएसी पर बड़ी संख्या में सैनिक टुकड़ियां और गोला-बारूद जुटा रखा है. पूर्वी लद्दाख में गोगरा और पैंगोंग झील का उत्तरी और दक्षिणी तट मुख्य रूप से विवादित क्षेत्र हैं. चीन की कार्रवाई के जवाब में हमारे सशस्त्र बलों ने भी इन क्षेत्रों में उपयुक्त जवाबी तैनाती की है ताकि भारत के सुरक्षा हितों को पूरी तरह से सुरक्षित रखा जा सके. भारत सीमावर्ती क्षेत्रों में मौजूदा मुद्दों का हल, बातचीत और परामर्श के जरिए किए जाने के प्रति प्रतिबद्ध है.