रांची: कोरोना काल में सबसे ज्यादा प्रभावित स्कूली बच्चे एवं प्रबंधन प्रभावित हुए हैं. कई स्कूल अपने शिक्षकों को पूरा वेतन नहीं दे पा रहे हैं. वहीं अभिभावक भी शिक्षण शुल्क नहीं लेने का आग्रह कर रहे हैं. स्कूलों में केजी एवं अन्य कक्षाओं में नामांकन नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण पिछले 6 माह से बच्चे अपने घरों में कैद हैं.
शहर के एक प्रमुख स्कूल डीपीएस के प्राचार्य डॉ राम सिंह ने बताया कि शिक्षकों को वेतन देना मुश्किल हो रहा है. राज्य सभा के पूर्व सांसद अजय मारू ने सरकार से स्कूलों के प्रबंधन एवं अभिभावकों के साथ संवाद करके शिक्षण शुल्क के मामले में कोई हल निकालना चाहिए.
इसमें दो राय नहीं कि आज अभिभावकों की हालत भी बहुत खराब है. बच्चों की पढ़ाई भी बहुत प्रभावित हो रही है. कई छोटे-छोटे स्कूल तो बंद भी हो रहे हैं. कुछ स्कूलों में तो छोटे-छोटे रोजगार शुरू कर दिए गए हैं. कहीं सिलाई केंद्र खोल दिया गया है, तो कहीं पेंटिंग का क्लास शुरु कर दिया गया है, लेकिन इसमें भी सोशल डिस्टेंसिंग का उपयोग किया जा रहा है.
झारखंड के 6 बच्चों के भविष्य के लिए हेमंत सरकार को तत्काल कोई कदम उठाना चाहिए, जिससे कि उनका भविष्य सुनहरा हो सके. बच्चों की पढ़ाई भी बहुत प्रभावित हो रही है. कई छोटे-छोटे स्कूल तो बंद भी हो रहे हैं. कुछ स्कूलों में तो छोटे-छोटे रोजगार शुरू कर दिए गए हैं.
कहीं सिलाई केंद्र खोल दिया गया है, तो कहीं पेंटिंग का क्लास शुरु कर दिया गया है, लेकिन इसमें भी सोशल डिस्टेंसिंग का उपयोग किया जा रहा है. झारखंड के 6 बच्चों के भविष्य के लिए हेमंत सरकार को तत्काल कोई कदम उठाना चाहिए, जिससे कि उनका भविष्य सुनहरा हो सके.