रांची: मांडर विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि लैंड म्यूटेशन को लेकर हमने अपनी बातें मुख्यमंत्री के समक्ष रख दी हैं.
जमीन लूट का नया अध्याय शुरू करना चाहती है सरकार: अमर बाउरी
लैंड म्यूटेशन बिल का विधायक अमर बाउरी ने खुलकर विरोध किया है. उनका कहना है कि इस बिल के जरिये सरकार जमीन लूट का एक नया अध्याय शुरू करना चाहती है. सरकार जो बिल लेकर आ रही है वो पूरी तरह से गरीब गुरबों की जमीन को लूटने के लिए है. इस बिल की मदद से कहीं न कहीं सीएनटी-एसपीटी एक्ट के मूल आंकड़ों को पूरी तरह से हटाने का प्रयास की जा रही है. जमीन उल्लंघन के मामले जिन अधिकारियों पर है उन्हीं को विशेष जिम्मेवार पद पर रखे गये हैं. समय आने पर सब दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा.
विधेयक को सदन में लाना चाहिए: सरयू राय
विधायक सरयू राय ने कहा कि कैबिनेट से अगर विधेयक पारित हो चुकी है तो विधेयक को सदन में लाना चाहिए था. सदन में विधेयक के लाने से लोग अपनी राय देंगे. जिनको पसंद नहीं आयेगा वे संशोधन देंगे. संसदीय कार्य प्रणाली में विधेयक को सदन में लाया जाना चाहिए. जिस तरह से सरकार काम कर रही है उससे तो यही लगता है कि सरकार थोड़ी भयभीत है कि शायद लोग इसे पसंद नहीं करेंगे. एक सवाल के जवाब में राय ने कहा कि हमने आधिकारिक तौर पर बिल नहीं देखा है, पर हमने राजस्व विभाग से मंगा कर बिल को देखा है उसमें एक खामि है, लेकिन सरकार उसे संशोधित कर सकती है.
लैंड म्यूटेशन बिल काला कानून: बाबूलाल मरांडी
भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने लैंड म्यूटेशन बिल को काला कानून बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार को इस बिल को वापस लेना चाहिए. उन्हों ने कहा कि इस बिल का विरोध सदन के अंदर और बाहर भी विरोध होगा. लैंड म्यूटेशन बिल पारित होने से गरीब, गुरबों की जमीन की लूट शुरू हो जायेगी. यह बिल सिर्फ जमीन से जुड़े हुए पदाधिकारियों के बचाव में लायी जा रही है. चाहे वो सीओ, सीआइ, एलआरडीसी, कर्मचारी हों. जब कानून नहीं था तो पूरे झारखंड में भू-माफियाओं से मिलकर जमीन की लूट की गयी. अगर यह कानून बन जायेगा अधिकारी को जमीन लूटने की छूट मिल जायेगी.