बिजली करंट लगने से मारे गये लोगों को मोमबत्ती जलाकर दी जाएगी श्रद्धांजलि
रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता छोटू ने बिजली विभाग और केबुल कंपनी की लापरवाही से पिछले 24 घंटे में देवघर और रांची के ओरमांझी में अलग-अलग हादसों में तीन लोगों की मौत पर गहरी शोक-संवेदना व्यक्त करते हुए मृतक के परिजनों को मुआवजा देने और दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की है.
पार्टी ने बिजली करंट लगने से लगातार हो रही दुर्घटनाओं के खिलाफ पोल-खोलो अभियान के तहत रविवार को बिजली विभाग के मुख्य अभियंता श्रवण कुमार के घर के बाहर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है. इस मौके पर हादसे में मारे गये लोगों को मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि भी दी जाएगी.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ताओं ने कहा कि राजधानी रांची समेत राज्य के अलग-अलग हिस्सों में बिजली विभाग और केबुल कंपनियों की लापरवाही से निरंतर हादसे हो रहे है, इसके लिए पूरी तरह से बिजली विभाग के लापरवाह अधिकारी और अभियंता ही जिम्मेवार है. पार्टी की ओर से हादसों के शिकार लोगों की पहली सूची जारी की चुकी है, जल्द ही दूसरी सूची भी जानकारी की जाएगी.
उन्होंने बताया कि रविवार शाम 6.30 बजे मुख्य अभियंता के घर के बाहर सोशल मीडिया के माध्यम से पोल-खोलो अभियान के तहत उनकी करतूतों का खुलासा किया जाएगा. इस मौके पर मोतबत्ती जलाकर हादसे में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि भी दी जाएगी.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता ने कहा कि कोरोना काल में राज्य सरकार की ओर से पिछले छह महीने से अधिक समय से ट्रेजरी से छोटे-छोटे हजारों संवेदकों के बकाया भुगतान पर रोक लगा दी गयी है, लेकिन इस रोक के बावजूद केबुल कंपनी को 60 करोड़ रुपये का भुगतान किस तरह से कर दिया जाता है, यह भी जांच विषय है.
उन्होंने कहा कि अरबों रुपये की लागत से केबुल बिछाने का काम किया जा रहा है, जिस तरह से पूरे शहर में जगह-जगह गड्ढे खोद कर छोड़ दिये गये है और उसमें बिजली प्रवाहित हो रही है, वह लोगों के लिए खतरनाक साबित हो रही है.
उन्होंने इन सारी गड़बड़ियों के लिए पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार को जिम्मेवार ठहराते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में ही केबुल बिछाने के लिए बहार की एक असक्षम कंपनी को ठेका दिया गया और उनके कार्यकाल में ही पदस्थापित कुछ अधिकारियों और अभियंताओं द्वारा ही अब इन्हें संरक्षण दिया जा रहा है, लेकिन अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चलने वाली गठबंधन सरकार में इस तरह की मनमानी और लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.