रांची: कोरोना की वजह से वैश्विक स्तर पर निर्मित नए व्यापारिक परिदृश्य में भारत को दुनिया की फैक्ट्री और व्यापार का सबसे आकर्षक केंद्र बनाने के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध हैद्य दुनिया भर के निवेशकों को आकर्षित करने के लिए भारत सरकार राष्ट्रीय भूमि बैंक बनाकर इससे सम्बंधित जानकारियां ऑनलाइन उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रही है, ताकि दुनिया के किसी भी कोने से निवेशक अपने निवेशा की जरूरतों के मुताबिक़ जमीन की उपलब्धता के बारे में जानकारी ले सकेंद्य राज्यसभा में सांसद महेश पोद्दार के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए वाणिज्ये और उद्योग मंत्रीपीयूष गोयल ने यह जानकारी दीद्य
गोयल ने बताया कि दुनिया में कहीं भी स्थित निवेशकों को भूमि की उपलब्धरता और भूखंड स्तीरीय जानकारी रियल टाइम बेसिस पर उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने पहले चरण में औद्योगिक सूचना प्रणाली (आईआईएस) को छः राज्यों के जीआईएस सिस्टडम के साथ एकीकृत किया है.
राष्ट्रीय भूमि बैंक बनाने के लिए केंद्र सरकार ने भूखंड स्त रीय जानकारी सहित औद्योगिक भूमि, वहां तक की संपर्क सुविधा, मूलभूत सुविधाओं, अन्यत उपलब्धक सुविधाओं का ब्यौरा और पार्क के प्राधिकरणों,डेवलपर्स की संपर्क जानकारी मांगी है.
झारखंड भी भूमि बैंक-जीआईएस सिस्टपम को आईआईएस पोर्टल के साथ एकीकृत करने के दूसरे चरण में शामिल आठ राज्यों में से एक है. झारखण्ड ने पोर्टल पर पहले ही भूमि संबंधी आंकड़े मैनुअली अपलोड किए हैं लेकिन झारखंड को अभी भी अपना पोर्टल दोनों प्रणालियों के स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम (एसओपी) के अनुसार ढ़ालना है. झारखंड राज्यल की तकनीकी टीम एमईआईटीवाई की टीम के साथ संपर्क में है जो आईआईएस के तहत जीआईएस आधारित राष्ट्री य भूमि बैंक के विकास में सहायता कर रही है.
गोयल ने बताया कि भूमि संबंधी ब्यौआरे अपलोड करने के लिए सरकारी एजेंसियों को विशेष यूजर आईडी और पासवर्ड दिया गया है. अन्यी निवेशक वेबसाइट पर जा सकते हैं और यूजरनेम और पासवर्ड बनाकर आसानी से पंजीकरण करा सकते हैं तथा पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी देखने के लिए लॉग-इन कर सकते है.