एक दिन में हो सकेंगे 1500 सैंपल टेस्ट
चाईबासा: उपायुक्त अरवा राजकमल ने जानकारी दी कि सूबे के मुख्यमंत्री के आदेशानुसार शीघ्र ही जिले में कोविड-19 सैंपल टेस्टिंग हेतु आरटी-पीसीआर लैब अस्तित्व में आएगी. इसके तहत् स्वास्थ्य विभाग के सचिव के निर्देश पर राज्य से आई एक टीम द्वारा आज क्षेत्र का निरीक्षण किया गया. उपायुक्त ने जानकारी दी कि राज्य से स्थल का मुआयना करने के लिए आने वाली टीम का उद्देश्य था कि एक बेहतर सुविधाओं से युक्त आरटी-पीसीआर टेस्ट लैब चाईबासा में बनने वाली है.
उपायुक्त ने कहा कि सभी अवगत होंगे कि चाईबासा जिले में जो भी कोविड-19 टेस्ट हेतु सैंपल एकत्रित होते हैं फिलहाल उनकी आरटी-पीसीआर टेस्टिंग की जाती है जिसमें आर एन ए सैंपल निकालकर वायरस की मौजूदगी हेतु चेक किया जाता है. इस तकनीक को फिलहाल कोविड-19 वायरस टेस्टिंग हेतु सर्वाधिक विश्वसनीय और भरोसेमंद टेस्ट माना जाता है. उपायुक्त ने कहा कि अभी तक कोविड-19 टेस्ट सैंपल को जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में भिजवाना पड़ता था, इस कारण कभी-कभी परिणाम आने में कुछ विलंब होता है क्योंकि वहां कई अन्य जिलों का रिपोर्ट भी जाता है. सीमित कैपेसिटी होने के कारण परिणाम आने में कुछ विलंब होता था. उपायुक्त ने कहा कि इसको दूर करने के लिए झारखंड सरकार के निर्देशानुसार कोविड संबंधी आरटी-पीसीआर टेस्ट लैब चाईबासा में ही बनने वाली है. कोविड-19 की स्थिति ठीक होने के बाद भी यह लैब वायरोलॉजी संबंधी लैब के रूप में कार्य करेगी. आने वाले दिनों में अन्य वायरल संबंधी जो भी टेस्ट होते हैं उसके लिए यह लैब जिला अस्पताल के लिए काफी फायदेमंद होगी.
उपायुक्त ने कहा कि आने वाले दिनों के लिए जिले के लिए यह एक परिसंपत्ति के रूप में उपस्थित रहेगी. लैब निर्माण के लिए भवन का निरीक्षण भी आज किया गया है और बहुत जल्द ही लैब स्थापित करने की कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी. उपायुक्त ने कहा कि इस लैब में प्रतिदिन 1500 की संख्या में सैंपल टेस्ट करा सकते हैं.
सदर अस्पताल परिसर में स्थल निरीक्षण के लिए आई राज्य स्तरीय टीम के साथ उपायुक्त अरवा राजकमल, जिले के सिविल सर्जन एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य पदाधिकारी गण एवं कर्मी उपस्थित रहे.