दिल्ली: भारत में पिछले साल की तुलना में अपराध में सजा दर में हल्का से सुधार देखने को मिला है. भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध के लिए ऑल इंडिया चार्जशीट की दर 67.2 फीसदी रही. ये आंकड़ा साल 2019 में दायर की गई चार्जशीट के आधार पर जारी किया गया है. हालांकि साल 2018 में यह दर 68.1 फीसदी थी.
इसके अलावा सजा दर साल 2018 में 50 फीसदी से सुधरकर 50.4 फीसदी हुई है. चार्जशीटिंग दर एक सूचक है जो बताता है कि पुलिस द्वारा मामलों के निपटारे को दर्शाती है. यह एक गणना करने की तरीका है, जिससे पता चलता है कि पुलिस ने कितने फीसदी मामले निपटा दिए हैं.
वहीं सजा दर वह सूचक है जो जानकारी देता है कि कोर्ट की ओर से मामलों के निपटारे को बताता है. यह सूचक बताता है कि कोर्ट ने इतने मामलों के लिए अपना ट्रायल पूरा कर लिया है. दुष्कर्म के मामलों में साल 2019 में चार्जशीट की दर 81.5 फीसदी थी, जो कि साल 2018 में 85.3 फीसदी थी.
हालांकि सजा दर में हल्की बढ़त देखी गई है. साल 2018 में 27.2 फीसदी के मुकाबले यह साल 2019 में 27.8 फीसदी हो गई है. अगर राज्यों की बात करें तो महिलाओँ के खिलाफ सबसे ज्यादा चार्जशीट की दर केरल राज्य में थी. केरल में यह दर 93.2 फीसदी थी जबकि वहां सजा दर 13.4 फीसदी है, जो थोड़ी कम है.
मिजोरम में महिलाओं के खिलाफ अपराध के लिए सजा दर सबसे अच्छी है. यहां सजा दर 88.3 फीसदी है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में आईपीसी अपराध के लिए सजा दर 2019 में 59.2 फीसदी थी. जबकि महिलाओं के खिलाफ अपराध के लिए सजा दर 55.2 फीसदी थी. ये सभी बड़े राज्यों की तुलना में अच्छा प्रदर्शन है.
एनसीआरबी की ओर से 2019 के लिए देश में अपराध का आंकड़ा जारी करने वाली रिपोर्ट के मुताबिक दहेज निषेध अधिनियम, एक्साइज एक्ट, आर्म्स एक्ट औऱ पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामले आईपीसी धारा के तहत दर्ज किए गए मामलों से बेहतर और जल्दी निपटाए गए.
इन मामलों की देशव्यापी चार्जशीट की रेट पिछले साल की तुलना में बढ़ी है. 2018 में यह दर 92.2 फीसदी थी, जो 2019 में बढ़कर 93.3 फीसदी हो गई. वहीं 2019 में सजा दर 81.8 फीसदी से गिरकर 80.3 फीसदी रह गया. राज्यों की बात करें तो सभी आईपीसी अपराधों के लिए सजा दर केरल में 85.1 फीसदी है, जो सबसे ज्यादा है.
इसके बाद तमिलनाडु में 63.2 फीसदी है. साल 2019 में सबसे कम सजा दर वाले राज्यों में बिहार (6.1 फीसदी) और पश्चिम बंगाल (13.4 फीसदी) है. हालांकि पश्चिम बंगाल का यह आंकड़ा साल 2018 का है क्योंकि 2019 के लिए राज्य ने एनसीआरबी को अपना डाटा जमा नहीं किया है.
अपराधों की बातें करें तो हत्या के लिए चार्जशीट की दर पिछले साल यानि कि 2019 में 85.3 फीसदी थी और 2018 में यह 84.2 फीसदी थी. वहीं हत्या के मामलों के लिए सजा दर 41.9 फीसदी से 41.4 फीसदी पर आ गई.