रांची: केंद्र सरकार द्वारा पारित किये गये किसान बिल पर देश भर में विरोध हो चल रहा है. इसे लेकर किसानों में उबाल है. खासकर कांग्रेस शासित राज्यों में स्थिति कुछ ज्यादा ही खराब है. लोग विरोध के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. जो देश के लिए एक खतरनाक संकेत है.
उक्त बातें किसान संघ के प्रचार-प्रसार प्रमुख सह भारतीय कृषि आर्थिक शोध संस्थान केंद्र के झारखंड प्रांत संयोजक प्रकाश नारायण सिंह ने कही. उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम तो विरोध दर्ज कराना है, लेकिन लोकतांत्रिक तरीके से. विरोध का ये तरीका कहीं से जायज नहीं है.
उन्होंने कहा कि एक ओर जहां अच्छी बारिश के कारण समय पर तैयार धान की लहलहाती फसल को देखकर आम किसान फूले नहीं समा रहा है, वहीं दूसरी ओर भारत का एक विध्वंसकारी वर्ग ट्रैक्टर जला रहा है. इन कांग्रेसियों ने ट्रैक्टर नहीं जलाया है, बल्कि किसानों की आशाओं को फूंकने की कोशिश की है.
ये भूल गए हैं कि ट्रैक्टर महज एक मशीन या वाहन नहीं, बल्कि आधुनिक युग के किसानों के लिए हल-बैल है. इन्होंने नेहरू कांग्रेस के चुनाव चिह्न दो बैलों की जोड़ी को जलाया है.
उन्होंने इंदिरा कांग्रेस के चुनाव चिह्न गाय बछड़े को स्वाहा कर दिया है. यही नहीं, इन वामपंथियों ने हंसिया और बाली में आग लगाई है. ये महज निम्न स्तरीय लोकप्रियता के लिए किया गया कुकृत्य है. यदि सच कहा जाये तो ये घृणा के पात्र भी नहीं हैं, इन पर तो सिर्फ दया आती है.