नई दिल्ली: वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की आज होने वाली 42वीं बैठक को लेकर सरकार को निशाने पर लिया है. उनका कहना है कि जीएसटी काउंसिल की बैठक के नतीजे केंद्र सरकार की कानून और उसके वादों के पालन के लिए एक परीक्षा होगी.
आज की बैठक में चालू वित्त वर्ष में जीएसटी रेवेन्यू शॉर्टफॉल पर चर्चा होगी, जिसमें मुआवजा-भुगतान के मुद्दे पर गैर-भाजपा शासित राज्य हंगामा कर सकते हैं.
पी. चिदंबरम ने कहा है कि जीएसटी को लेकर सरकार के इस नए प्रयोग में दो कमिया हैं, जो जीएसटी मुआवजा घाटा और ट्रस्ट घाटा है. ऐसे में सरकार के पास इन घाटों को कैसे कम किया जाए इसका कोई सुराग नहीं है. ऐसे में स्पष्ट है कि सरकार पूरे मुद्दे पर गोल-मोल करे और फिर राज्यों को भी किसी प्रकार से भरपाई के लिए जिम्मेदार ठहराए.
इस दौरान कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि राज्यों को केंद्र द्वारा पेश किए गए दो अर्थहीन विकल्पों की अस्वीकृति पर दृढ़ रहना चाहिए. साथ ही जोर देना चाहिए कि केंद्र को धनराशि का पता लगाना चाहिए और प्रस्तावित मुआवजे का भुगतान करना चाहिए.