नई दिल्ली: खगोल शास्त्र में रुचि रखने वालों के लिए आज का दिन बहुत खास होने वाला है. 6 अक्टूबर को लाल ग्रह के नाम से मशहूर मंगल धरती के करीब पहुंचेगा. इस दौरान पृथ्वी से इसकी दूरी 62.1 मिलियन किमी रह जाएगी. सामान्य तौर पर यह दूरी 63.306 मिलियन किमी रहती है. इस सदी में तीसरी बार यह दुर्लभ संयोग बन रहा है जब लाल ग्रह हमारे करीब से गुजर रहा है.
प्लेनेटरी सोसाइटी ऑफ इंडिया के निदेशक एन.रघुनंदन कुमार ने बताया कि यह खगोलीय घटना 26 महीने के बाद होने वाली ‘मार्स अपोजिशन टू सन’ नामक खगोलिय स्थिति के कारण हो रही है. इस विचित्र खगोलीय घटना में मगंल और सूर्य एक दूसरे के विपरित होंगे. पृथ्वी के दृष्टि से यह तीनों ग्रह एक सीधी रेखा पर आ जाएंगे. यह दूबीन से देखा जा सकता है. इसे शाम 7 बजे से देखा जा सकता है.
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान के खगोल विज्ञानिक का कहना है कि सौरमंडल में मंगल ही एक ग्रह है, जिसपर इंसानी बस्ती बसाई जा सकती है. इस कारण भारत समेत दुनिया के अन्य देशों की दिलचस्पी मंगल के प्रति अधिक है. इन दिनों मंगल हमारे करीब है तो इसके प्रति उत्सुकता का बढ़ना भी लाजमी है. इसके बाद मंगल साल 2035 में धरती के करीब से गुजरेगा.
जानिए कितने समान हैं मंगल और पृथ्वी :
खगोल विज्ञानिक के अनुसार, मंगल और पृथ्वी के बीच कई समानताएं हैं. इसकी सतह पृथ्वी के समान ठोस है. रेगिस्तान भी हैं. ऊंचे पर्वत हैं और ऋतुएं भी एक समान, मगर पृथ्वी की तुलना में लंबी हैं. इसके अतिरिक्त ज्वालामुखी के चिह्न भी मंगल की धरती पर मिलते हैं. पृथ्वी की तरह इसके उत्तरी गोलार्द्ध में जब ठंड पड़ती है तो दक्षिणी गोलार्द्ध में गर्मी होती है.
इतना ही नहीं मंगल पर भी कभी विशाल सागर हुआ करते थे और नदियां बहा करती थीं. मंगल का पानी कहां चला गया, यह रहस्य आज भी बरकरार है. मंगल और पृथ्वी के बीच एक बड़ा अंतर दिनों का है. मंगल का एक साल पृथ्वी से लगभग दोगुना 687 दिनों का होता है. इसकी कक्षा पृथ्वी से बाहर होने के कारण उसे सूर्य का एक चक्कर लगाने में लंबा समय तय करना होता है. इनकी कक्षा चपटी है और अपने अक्ष पर दोनों का झुकाव भी लगभग एक समान है.