छोटे-छोटे कोयला व्यापारी हो रहे हैं प्रभावित
रांची: ई-ऑक्सन के कठोर नियमों के कारण छोटे-छोटे कोयला व्यापारियों का हित प्रभावित हो रहा है और इनकी ओर से नियम में कुछ बदलाव का आग्रह किया गया है.
कोयला व्यवसाय में जुटे छोटे व्यवसायियों का कहना है कि फैक्ट्री संचालन के नाम पर आवंटित कोयले की कीमत ई-ऑक्सन की कोयले से काफी सस्ता होता है और गुणवत्ता पूर्ण होने के साथ कोयला उठाव के नियम में सरलीकरण होने से निर्वाध रूप से मंडियों में अत्यधिक मूल्य पर कालाबाजारी कर दिये जाते हैं, जिससे ई-ऑक्सन कोयले के उठाव में कई कठोर नियम लागू कर दिये जाते हैं, जिससे ससमय उठाव संभव नहीं होता है और कोयले की घटिया स्तर होने के कारण बाजार के कीमतों में काफी अंतर हो जाता है, जिससे छोटे-छोटे कोयला व्यापारी प्रभावित हो रहे हैं.
दूसरी तरफ खान एवं भूतत्व विभाग का कहना है कि नई कोयला वितरण नीति 2007 के तहत प्रत्येक जिले में उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति पका गठन किया गया है, जो एमएसएमई इकाईयों का चयन की अनुशंसा करती है, जिसके आलोक में राज्य स्तरीय समिति के अनुमोदनपरांत कोयले की आपूर्ति की जाती है, आपूर्ति किये गये कोयले की उपयोगिता की जांच एवं समीक्षा कर राज्य स्तरीय समिति को उपलब्ध कराने का प्रावधान है, उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति में अनुमंडल पदाधिकारी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र एवं जिला खनन पदाधिकारी सदस्य है, इनके द्वारा आपूर्ति किये गये कोयले की जांच की जाती है और प्रतिकुल प्रतिवेदन प्राप्त होने पर संबंधित इकाई का कोयला आवंटन बंद कर दिया जाता है.
नयी कोयला वितरण नीति 2008 के तहत सीआईएल द्वारा अधिसूचित मूल्य पर कोयला उपलब्ध कराया जाता है. एमएसएमई इकाईयों के संचालन के लिए आवंटित कोयला का मूल्य सीसीएल द्वारा अधिसूचित दर के अनुरूप बेसिक प्राइस के अनुसार होता है. इसलिए ई-ऑक्सन की दर अधिसूचित दर के समतुल्य या इससे अधिक होती है.
विभाग द्वारा यह भी जानकारी दी गयी है कि उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा अनुशंसित वैसी औद्योगिक इकाईयां जो एमईएमई श्रेणी में आती है, उन्हें सीआईएल द्वारा अधिसूचित दर पर कोयला उपलब्ध कराया जाता है, जिसका वार्षिक खपत 10 हजार एमटी से कम है तथा इकाई सीआईएल या सीआईएल की सहायक कंपनियों से सीधे एफएसए नहीं होता है, इसके तहत सीआईए की सहायक कंपनी सीसीएल से कोयला प्राप्त कर इकाईयों को वितरण के लिए जेएसएमडीसी राज्य सरकार की नामित एजेंसी है.