रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह राज्य के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा है कि एक ओर देश में दुष्कर्म की घटना बढ़ी है, वहीं लोकतंत्र का गला घोटने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने देश के लिए सबसे बड़ी दुर्भाग्य की बात है कि केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र को भी पूंजीवाद के हवाले कर दिया है और भारत की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है. डॉ. रामेश्वर उरांव मंगलवार को रांची के अल्बर्ट एक्का चौक में प्रदेश महिला कांग्रेस द्वारा हाथरस की घटना के खिलाफ एक महीने तक चलने वाले ‘‘आओ बहनों हाथ से हाथ मिलाओ’’ कार्यक्रम के तहत हस्ताक्षर अभियान के उदघाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे.
डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि राहुल गांधी की ओर से यह साफ कहा गया है कि सत्ता में आते ही कृषि क्षेत्र से संबंधित पारित तीन विधेयकों को निरस्त कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह सरकार के समय पूरी दुनिया में मंदी आयी थी, लेकिन उन्होंने इससे देश को प्रभावित नहीं होने दिया, लेकिन आज पूरे देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गयी है, नोटबंदी लागू होने के वक्त ही पी.चिदबरम ने कहा था कि जीडीपी में 2 प्रतिशत की गिरावट आएगी, यह सही साबित हुआ. केंद्र सरकार ने बिना सोचे-समझे और बगैर कोई तैयारी के पूरे देश में जीएसटी को लागू कर दिया, लेकिन अब राज्यों को 14 प्रतिशत क्षतिपूर्ति का भुगतान नहीं किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि झारखंड का केंद्र के पास 3300 करोड़ रुपये बकाया है. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सबसे दुःखद बात यह है कि केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र को पूंजीवाद के हवाले कर दिया, पूंजीपति कम दाम में खरीदेंगे और ज्यादा दाम में बेचेंगे, इससे किसानों और आम उपभोक्ताओं दोनों को नुकसान होगा.
भाजपा नेताओं द्वारा रांची में महात्मा गांधी की मूर्ति के समक्ष दिये जा रहे धरना के संबंध में पूछे गये एक सवाल के जवाब में डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि इतिहास गवाह है कि भाजपा-संघ नेताओं ने कभी गांधी को प्रतिष्ठा नहीं दी, जबकि कांग्रेस पार्टी उनके दिखाये रास्ते पर चलकर सत्याग्रह करते है, वहीं भाजपा नेताओं का सत्याग्रह नहीं दुराग्रह होता है. डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि हाथरस में अनाचार और दुराचार की घटनाएं हुई, लेकिन सबसे दुःखद बात यह है कि सरकार ने षड़यंत्र के तहत लोकतंत्र का गला घोटने की कोशिश की. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ हाथरस जाने के क्रम में दुर्व्यवहार किया गया, अन्य पार्टियों के नेताओं नेताओं पर भी लाठीचार्ज किया गया और मीडियाकर्मियों को भी घटनास्थल पर जाने से रोक कर सच्चाई छिपाने की कोशिश की गयी. बिहार में शराब की अवैध बिक्री पर पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि वहां किसकी सरकार है, यह सभी जानते है, वे ही बताएंगे कि शराब की आपूर्ति कहां से हो रही है, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और झारखंड सीमावर्ती राज्य है, बिहार में खुलेआम दोगुनी कीमत पर शराब की बिक्री हो रही है, बिहार सरकार ने बिना उत्पादन बंद किये आनन-फानन में शराब की बिक्री पर रोक लगा दिया. झारखंड में दो सीटों पर उपचुनाव के संबंध में पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि यह चुनाव स्थानीय मुद्दे और राज्य सरकार के 9 महीने के कामकाज के आधार पर लड़े जाएंगे. राज्य सरकार ने जिस तरह से लॉकडाउन में अपने प्रवासी कामगारों को हवाईजहाज से लाने का काम किया, वहीं देशभर के विभिन्न हिस्सों से लौटे प्रवासी कामगारों को मनरेगा के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराया, झारखंड में रहने वाले गरीब और जरूरतमंद परिवारों को अनाज उपलब्ध कराने का काम किया.
इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार हर कदम अपने कुछ पूंजीपति मित्रों के हित को ध्यान में रखकर उठाती है, जिस तरह से कृषि क्षेत्र को पूंजीपतियों के हवाले करने की कोशिश की जा रही है, उससे आने वाले समय में पूरे देश के किसानों की स्थिति दयनीय हो जाएगी.
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि हाथरस की घटना को लेकर पूरा देश आक्रोशित है. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ उत्तर प्रदेश की पुलिस द्वारा जिस तरह से दुर्व्यवहार किया गया, उसे देखकर यह साबित होता है कि सबकुछ केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इशारे पर हुआ, आने वाले समय में जनता इसका जवाब देगी.
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि कृषि बिल के खिलाफ कांग्रेस की ओर से चलाये जा रहे देशव्यापी को व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है.
महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष गूंजन सिंह के नेतृत्व में रांची महानगर कांग्रेस कमेटी की ओर से आयेजित हस्ताक्षर अभियान में ‘‘ आओ बहनें हाथ से हाथ मिलाओ-महिलाओं को सशक्त बनाओ’’ कार्यक्रम में पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया. एक महीने तक राज्यभर में चलने वाले इस कार्यक्रम में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित कराने, केंद्र सरकार द्वारा पारित किसान कानून को अविलंब वापस लेने, महिला उत्पीड़न पर व्यापक जागरूक्ता अभियान चलाने तथा असंगठित महिला मजदूरों की समस्याओ के निदान के लिए लगातार कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे.