नई दिल्ली: भले ही फिलहाल बिहार विधानसभा चुनाव में राज्य के सीएम नीतीश कुमार लोजपा पर भारी पड़े हैं, मगर इस मामले के सियासी नाटक का पर्दा फिलहाल नहीं गिरा है. यह सच है कि नीतीश ने लोजपा को भाजपा की ओर से खरी-खरी सुनाने के बाद ही संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के लिए हामी भरी.
हालांकि सच यह भी है कि राजग में लोजपा के भविष्य का फैसला भाजपा ने रामविलास पासवान की अस्वस्थता का हवाला देते हुए टाल दिया है. संकेत साफ हैं. चुनाव के दौरान जदयू और भाजपा के बीच शह और मात का खेल जारी रहेगा.
गौरतलब है कि सीट बंटवारे पर सहमति के बावजूद तीन दिनों से इसकी आधिकारिक घोषणा लटकने की वजह नीतीश थे. लोजपा की जदयू के खिलाफ मोदी के साथ की रणनीति के बाद नीतीश भाजपा की ओर से लोजपा के खिलाफ ठोस संदेश दिलाना चाहते थे.
मंगलवार को सीएम के यहां दिन भर चली मैराथन बैठक के बाद भाजपा ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में नीतीश को अपना नेता माना. कहा कि बिहार में जो नीतीश के साथ है वही बिहार राजग का अंग है. भाजपा ने यह भी कहा कि अगर लोजपा चुनाव प्रचार में पीएम मोदी या अन्य नेताओं के फोटो का इस्तेमाल करती है तो उसकी शिकायत चुनाव आयोग से की जाएगी.
ये तथ्य बहुत कुछ कहते हैं
नीतीश चाहते थे कि भाजपा राजग में लोजपा के भविष्य का भी फैसला करे मगर भाजपा ने बीच का रास्ता अपनाते हुए इससे किनारा किया. बहाना लोजपा के संरक्षक रामविलास पासवान की अस्वस्थता बनी.
पार्टी नेताओं ने नीतीश को समझाया कि ऐसे समय में लोजपा के संदर्भ में लिया गया नकारात्मक फैसला दलितों में गलत संदेश दे सकता है. फिर भाजपा ने बार-बार बिहार राजग के संदर्भ में लोजपा की भूमिका की तो चर्चा की, मगर केंद्रीय स्तर पर लोजपा की भूमिका पर चुप्पी साधे रखी.
इसके अलावा अहम तथ्य यह है कि बिहार जैसे सियासी रूप से महत्वपूर्ण राज्य में सीट बंटवारे की आधिकारिक घोषणा के दौरान भाजपा के शीर्ष केंद्रीय नेतृत्व में से वहां कोई नहीं था. राज्य के प्रभारी भूपेंद्र यादव चुप थे, नीतीश के उनकी ओर से कुछ कहे जाने की अपील के बाद उन्होंने बस इतना कहा कि राज्य में राजग को तीन चौथाई बहुमत मिलेगा.
भाजपा उपाध्यक्ष का लोजपा में जाने के निहितार्थ जब भाजपा बिहार में नीतीश को अपना नेता बता रही थी तभी पार्टी के उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने अचानक लोजपा का दामन थाम लिया. जदयू नेताओं को पहले से ही आशंका है कि लोजपा बड़ी संख्या में उन सीटों पर भाजपा के बागियों के उम्मीदवार बनाएगी जहां जदयू का उम्मीदवार होगा. राजेंद्र सिंह का लोजपा में प्रवेश इसी ओर इशारा कर रहा है.
भाजपा ने निकाला बीच का रास्ता
मंगलवार का घटनाक्रम बताता है कि इस पूरे विवाद में भाजपा ने स्पष्ट लाइन लेने के बदले बीच का रास्ता चुना. लोजपा को बिहार के संदर्भ में सुशील मोदी से खरी-खरी तो सुनाई, मगर केंद्रीय स्तर पर लोजपा की राजग में भूमिका को ले कर कोई बात नहीं की. केंद्रीय नेतृत्व की ओर से अब तक इस संदर्भ में एक भी ऐसा बयान नहीं आया जिससे लगे कि पार्टी केंद्रीय स्तर पर भी लोजपा से दूरी बनाएगी.
चिराग की तेजस्वी को बधाई बनी फांस
भाजपा के साथ जदयू के खिलाफ की लाइन लेने वाले लोजपा अध्यक्ष चिराग से मंगलवार को चूक हो गई. उन्होंने विपक्षी महागठबंधन के नेता और सीएम पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव को बेहतर भविष्य की शुभकामनाएं दे कर जदयू को हमले का मौका दे दिया.
नीतीश के साथ भाजपा नेताओं की बैठक में यह मुद्दा भी उठा. जदयू नेताओं ने कहा कि चिराग और लोजपा के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है क्योंकि लोजपा एक तरफ भाजपा का समर्थन कर रही है तो तेजस्वी को भी शुभकामनाएं दे रही है.
अभी बाकी है अनसुलझे सवालों का जवाब
बहरहाल बिहार में भाजपा-जदयू के भावी रिश्ते के नाटक का पटाक्षेप अभी बाकी है. जदयू की निगाहें लोजपा के संदर्भ में भाजपा के भावी रुख पर है. जदयू यह जानना चाह रही है कि क्या भाजपा पर्दे के पीछे से वाया लोजपा कई सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करेगी. अगर ऐसा हुआ तो चुनाव प्रचार के बीच भाजपा और जदयू के बीच खटपट शुरू हो सकती है.
कौन क्या बोल रहे हैं, फर्क नहीं पड़ताः नीतीश
सीटों के बंटवारे का एलान करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में 15 साल बनाम 15 साल की लड़ाई है. लोग न तो नरसंहारों का दौर भूलें हैं और न ही खराब सड़कों का. उन्होंने लोजपा अध्यक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा और जदयू के सहयोग से रामविलास पासवान राज्यसभा पहुंचे.
अब कोई कुछ कह रहा है, तो उस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं. कोई फर्क नहीं पड़ता है. इस मौके पर भाजपा की तरफ से उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, बिहार भाजपा प्रभारी देवेंद्र फडणवीस और भूपेंद्र यादव मौजूद थे.
वहीं जदयू की तरफ से नीतीश के अलावा प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, पार्टी के वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह, ललन सिंह और अशोक चौधरी मौजूद रहे. नीतीश ने कहा कि गठबंधन के चारों दलों को पता है कि कौन सी सीट किसके हिस्से में आई है.
नीतीश के नेतृत्व में ही चुनाव, अगले सीएम भी वहीः भाजपा
भारतीय जनता पार्टी ने साफ किया कि बिहार में नीतीश के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ रहे हैं और नीतीश ही अगले सीएम होंगे. उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि चुनाव बाद राजग गठबंधन में किसे कितनी सीटें आती हैं, अगले मुख्यमंत्री नीतीश ही होंगे.
डिप्टी सीएम ने कहा कि इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह भी ऐसा कह चुके हैं, इसलिए कयास लगाना गलत होगा. इस एलान से पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल को मीडिया में साफ किया कि बिहार में राजग का चेहरा नीतीश कुमार ही हैं और इस मामले में कोई दूसरी बात नहीं सुनी जाएगी. भूपेंद्र यादव ने भी दोहराया कि सारी बातें साफ हो चुकी हैं और बिहार में राजग गठबंधन की बहुमत से सरकार बनने जा रही है.