इंडियन एयरफोर्स के 88 साल पूरे
चार युद्ध लड़ चुकी है भारतीय वायुसेना
पाकिस्तान और चीन के खिलाफ युद्द में सक्षम भारत
हैदराबाद: इंडियन एयरफोर्स आज अपना 88वां स्थापना दिवस मना रहा है. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर वायुसेना के लड़ाकू विमान अपनी ताकत का नमूना पेश करेंगे. इस बार एयरफोर्स के लिए बड़ा ही खास दिन है, क्योंकि इस बार वायुसेना के अन्य विमानों के साथ हाल ही में फ्रांस से पहुंचे लड़ाकू विमान राफेल भी अपना करतब दिखाने वाला है. 1932 में स्थापित इंडियन एयरफोर्स अब तक पाकिस्तान और चीन के खिलाफ युद्ध में टक्कर देने में सक्षम है.
8 अक्टूबर 1932 को इंडियन एयरफोर्स स्थापित किया गया था और उसी की याद में हर साल वायुसेना दिवस मनाया जाता है. इंडियन एयरफोर्स की स्थापना ब्रिटिश साम्राज्य की वायुसेना की एक इकाई के तौर पर हुई थी और उसका एयरक्राफ्ट अपनी पहली उड़ान 1 अप्रैल, 1933 को भरा था. हालांकि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसके नाम में रॉयल शब्द जोड़ा गया था, जिसे आजादी के तीन साल बाद हटा दिया गया. उसके बाद से इसे इंडियन एयरफोर्स के नाम से जाना जाता है.
चार युद्ध लड़ चुकी है भारतीय वायुसेना
पड़ोसी देशों के साथ युद्ध में भारतीय वायुसेना की सराहनीय भूमिका रही है और अब तक वह चार युद्ध में भाग ले चुकी है. 1947 में भारत आजाद होने के बाद से कुल चार युद्ध लड़े हैं, जिनमें तीन पाकिस्तान के साथ और एक चीन के साथ शामिल हैं. इन चारों युद्धों में भारतीय वायुसेना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
देश की तीनों सेनाओं का अलग-अलग आदर्श व्यक्य (Ideal Sentence) हैं. वायुसेना का आदर्श वाक्य है ‘नभ: स्पृशं दीप्तम’ है. ‘नभ:स्पृशं दीप्तमनेकवर्ण व्यात्ताननं दीप्तविशालनेत्रम्. दृष्ट्वा हि त्वां प्रव्यथितान्तरात्मा धृतिं न विन्दामि शमं च विष्णो..’ इसका मतलब है कि ‘हे विष्णो, आकाश को स्पर्श करने वाले, देदीप्यमान, अनेक वर्णों से युक्त तथा फैलाए हुए मुख और प्रकाशमान विशाल नेत्रों से युक्त आपको देखकर भयभीत अन्तःकरण वाला मैं धीरज और शांति नहीं पाता हूं.