रांची: भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राजधनवार क्षेत्र के केंदुआ गांव में 30 मार्च को एक नाबालिग बच्ची की हत्या कर उसे जला दिया गया था. परिजनों ने धनवार थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई. इसके बावजूद कार्रवाई नहीं हुई. उलटे उसके परिजनों को ही 2 दिनों तक थाना में रखा गया.
पुलिस ने पूछताछ के लिए आरोपी को पकड़ा, बाद में छोड़ दिया. न्याय नहीं मिलने पर अंत में पीड़ित परिवार ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, ताकि राज्य सरकार के संज्ञान में यह मामला आ सके.
कोर्ट ने गुरुवार को इसपर टिप्पणी की. इस घटना से समझा जा सकता है कि राज्य में पुलिस और राज्य सरकार कैसे काम कर रही है. वे शुक्रवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे.
मरांडी ने कहा कि जब से राज्य में यूपीए गठबंधन की सरकार हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी है, तब से राज्य में चोरी, डकैती, हत्या, अपहरण, बलात्कार और उग्रवादियों की घटनाओं की संख्या बढ़ी है.
इसकी तुलना 2019 से की जाए तो रघुवर दास की सरकार के कार्यकाल में कम घटना घटी. उस आंकड़े का रिकॉर्ड हेमंत सरकार ने 9 महीने में ही तोड़ दिया.
जबकि मार्च के आखिरी से लेकर लंबे समय तक राज्य में लॉकडाउन था. उस वक्त राज्य में आगमन बहुत कम था. उस वक्त कम घटनाएं होनी चाहिए थी. फिर भी घटनाओं में इजाफा हुआ.
उन्होंने कहा कि राज्य में अपराधिक घटनाओं को लेकर राज्य सरकार को बिल्कुल भी चिंता नहीं है. इस बात की भी चिंता नहीं है कि राज्य की जनता कैसे सुरक्षित रहेगी.
ऐसा लगता है कि सरकार लूटने में मस्त है. अफसरों का ट्रांसफर करने में मस्त है. चार-पांच महीनों में ही अफसरों का ट्रांसफर हो रहा है. ऐसा लग रहा है, जैसे उद्योग चल रहा है. विकास का काम ठप पड़ा है.
बाबूलाल ने कहा कि राजधनवार की घटना के वक्त जो भी पदाधिकारी, थानेदार और डीएसपी थे, उन्हें हटाया जाए. त्वरित कार्रवाई करते हुए तुरंत जांच हो, ताकि अपराधी पकड़े जाए.
उन्होंने कहा कि अगर उन्हें नहीं हटाया जाता है, तो जांच निष्पक्ष नहीं हो पाएगी. महीनों बीत चुके हैं फिर भी अपराधी को नहीं पकड़ा गया. इसका मतलब है कि पुलिस-प्रशासन अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं और सबूत मिटाने की कोशिश कर रहे हैं.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि धनवार क्षेत्र में घटी घटना को पार्टी ने बहुत गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि हम लगातार सरकार को आगाह करते आए हैं. राज्य की कानून व्यवस्था लचर है. राज्य के मुखिया इस बात को स्वीकार नहीं करते है, लेकिन आंकड़े सब कुछ बयां करते हैं.
भारतीय जनता पार्टी वही आंकड़ों को लेते हुए राज्य सरकार को आगाह कर रही है. इस घटना से यह जाहिर होता है कि राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था विफल, राज्य की कार्यशैली और कार्यप्रणाली अस्पष्ट है.
उन्होंने कहा कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए परिवार को सुरक्षा देने के साथ-साथ परिवार के किसी एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए. इस मामले पर राज्य के मुखिया को जनता को जवाब देना चाहिए.