दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आवास क्षेत्र के महत्व को देखते हुए व्यक्तिगत आवास ऋण (पर्सनल होम लोन) पर बैंकों के जोखिम संबंधी प्रावधानों में ढील देने का फैसला किया है. इससे बैंकों को पूंजी का प्रावधान कम करना होगा और वे अधिक आवास ऋण देने के लिए प्रोत्साहित होंगे. साथ ही 30 लाख रुपये से अधिक के होम लोन पर ब्याज दरें सस्ती हो सकती हैं.
75 लाख रुपये से अधिक के होम लोन में सबसे बड़ी कमी की उम्मीद है. बैंक अब बड़े ऋणों को बढ़ाने के इच्छुक होंगे, क्योंकि छोटे आकार के ऋणों की तुलना में बड़े लोन की सेवा देने की लागत कम होगी.
मौजूदा समय में होम लोन की दरें ऋण के आकार से जुड़ी हुई हैं. 30 लाख रुपये तक के लोन की दरें सबसे कम हैं और लोन के आकार के अनुरूप दरें बढ़ती हैं.
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) 30 लाख रुपये तक के लोन पर सात फीसदी और 30 लाख रुपये से 75 लाख रुपये के लोन पर 7.25 फीसदी शुल्क वसूलता है. वहीं 75 लाख रुपये से अधिक के लोन पर ब्याज दर 7.35 फीसदी है. इसी तरह, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की लोन की तीन स्लैब में दरें 7.15 फीसदी, 7.25 फीसदी और 7.30 फीसदी से 7.40 फीसदी हैं.
एचडीएफसी लिमिटेड की बात करें, तो यह बैंक 30 लाख रुपये तक के लोन पर 6.95 फीसदी शुल्क वसूलता है और उससे ज्यादा के कर्ज पर 7.05 फीसदी. अधिकांश उधारदाता महिला कर्जधारकों से पांच आधार अंक कम शुल्क लेते हैं.