शंभू नाथ गौतम (वरिष्ठ पत्रकार),
रांची: 80 दशक की हिंदी और साउथ सिनेमा की अभिनेत्री खुशबू का कांग्रेस पार्टी से मन भर गया है. वे छह सालों से कांग्रेस में थी, लेकिन लगातार पार्टी उनकी उपेक्षा कर रही थी. जिससे खुशबू तमिलनाडु के साथ केंद्र की राजनीति में भी सक्रिय नहीं हो पा रही थीं.
सोमवार को अभिनेत्री खुशबू ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया. कयास लगाए जा रहे हैं वह जल्द ही भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर सकती हैं. बता दें कि खुशबू कांग्रेस में राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद पर थीं. उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखें पत्र में पार्टी के बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
खुशबू ने बड़े स्तर पर बैठे लोगों पर उन पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है. कांग्रेस आलाकमान को लिखे पत्र में कांग्रेस के कई नेताओं पर दबाव डालने के आरोप भी लगाए हैं.
बता दें कि राजनीति में आने से पहले खुशबू दक्षिण भारतीय सिनेमा की जानी-मानी अभिनेत्री थीं. साल 2014 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी और उससे पहले 2010 में खुशबू ने द्रमुक पार्टी का दामन थामा था. उस समय पार्टी तमिलनाडु की सत्ता में थी.
हिंदी सिनेमा में बाल कलाकार के रूप में खुशबू ने की शुरुआत-
अभिनेत्री खुशबू ने हिंदी सिनेमा में बाल कलाकार के रूप में अभिनय की शुरुआत की थी. 1980 में रिलीज हुई ‘द बर्निंग ट्रेन’ में उनकी बाल कलाकार के रूप में पहली फिल्म थी. उसके बाद उन्होंने नसीब, लावारिस, कालिया और बेमिसाल में भी भूमिका निभाई.
खुशबू ने सुपरहिट मेरी जंग (1985) में अनिल कपूर की बहन की महत्वपूर्ण सहायक भूमिका निभाई और जावेद जाफरी के साथ हिट गाना बोल बेबी बो, रॉक रोल में स्क्रीन पर अपनी पहली नृत्यांगना भूमिका में नृत्य किया.
खुशबू ने जानू (1985) में जैकी श्रॉफ के साथ उनकी पहली मुख्य भूमिका निभाई. गोविंदा के साथ उन्होंने तन बदन (1986) में अभिनय किया, जो गोविंदा के लिए पहली प्रमुख भूमिका थी. खुशबू ने दीवाना मुझ सा नहीं (1990) में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें आमिर खान और माधुरी दीक्षित प्रमुख भूमिका में थे.
उनका सोलो डांस नंबर ‘सारे लड़कों की कर दो शादी’ बड़ा हिट बना था और आज भी उत्तर भारत में महिला संगीत और विवाह समारोहों में लोकप्रिय है. उसके बाद वह दक्षिण भारतीय फिल्मों में लौट गईं थीं.