महामहिम राज्यपाल से हस्तक्षेप की लगाई गुहार
रांची: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र बरहेट के पतना में नाबालिग आदिवासी लड़की को बलात्कार के बाद हत्या किये जाने की घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार में बहन बेटियों की इज्जत शरेआम लूटी जा रही है. संथाल परगना सहित पूरा प्रदेश भयाक्रांत है.
प्रकाश ने कहा कि पतना में कल 13 वर्षीय नाबालिग लड़की अरसू हेम्ब्रम पिता चतुर हेम्ब्रम की अपराधियों के द्वारा बलात्कार के बाद हत्या कर दी जाती है. उन्होंने राज्य की विधि व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन राज्य सरकार के इशारे पर इस घटना की लीपापोती में जुटा हुआ है.
उन्होंने कहा कि नाबालिग के पिता ने स्पष्ट बयान देकर कहा है कि मेरी बेटी के साथ बलात्कार हुआ और फिर उसकी हत्या की गई है. उन्होंने कहा कि इस घटना को थाने में दर्ज करने से भी अधिकारियों ने मना किया, जिससे सरकार और पुलिस की मंशा उजागर होती है.
प्रकाश ने कहा कि मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र की यह दूसरी भयावह घटना है. इसके पूर्व बरहेट में एक नाबालिग के साथ दरोगा का दुर्व्यवहार से पूरा प्रदेश परिचित है.
प्रकाश ने कहा कि प्रदेश में दुष्कर्म की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है. सरकारी आंकड़े बोल रहे कि प्रदेश में प्रतिदिन 5 दुष्कर्म की घटनाएं ऑन रिकॉर्ड प्रकाश में आरही.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से प्रदेश संभल नहीं रहा. गिरिडीह धनवार में 7 महीने पूर्व नाबालिग को बलात्कार के बाद जिंदा जलाने की घटना पर न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ा, पुलिस गेस्ट हाउस रांची में हुई दुष्कर्म की घटना पर महामहिम राज्यपाल को हस्तक्षेप की नौबत आई, फिर ऐसी निकम्मी सरकार की क्या जरूरत रह गई.
प्रकाश ने कहा कि प्रदेश भाजपा महामहिम राज्यपाल से मांग करती है कि वे इस जघन्य घटना की पूरी जांच में सीधा है. हस्तक्षेप करते हुए उच्चाधिकारियों को निर्देशित करें. उन्होंने मांग की है कि नाबालिग की लाश के पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी हो. साथ ही उसके विसरा को उच्चस्तरीय फोरेंसिक जांच केलिये सुरक्षित रखा जाये.
प्रकाश ने कहा कि सरकार द्वारा ऐसी घटनाओं की लीपापोती के खिलाफ भाजपा पूरे प्रदेश में सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को बाध्य होगी.
अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद समीर उरांव ने घटना की तीब्र भर्त्सना करते हुए कहा कि हेमंत सरकार में दलित, आदिवासी सबसे ज्यादा परेशान हो रहे. यह सरकार अपने पहले दिन से ही आदिवासियों की हत्या करवा रही है.
आदिवासियों की परंपरा संस्कृति के साथ खिलवाड़ करने वाले राष्ट्र विरोधी ताकतों का मुकदमा पहले कैबिनेट में वापस करके अपनी मंशा जाहिर कर चुकी है.
उन्होंने कहा कि यह सरकार आदिवासी दलित विरोधी सरकार है.
सांसद सुनील सोरेन ने कहा कि हेमंत सरकार ने सत्ता में बने रहने का अपना नैतिक अधिकार खो दिया है. आदिवासी समाज मे इस सरकार के खिलाफ आक्रोश है.
उन्होंने कहा कि संथाल क्षेत्र में बहन बेटियों के साथ ऐसा अन्याय कभी नहीं हुआ.