लॉस एंजिलिस: कोरोना को लेकर भारत में सर्दी बढ़ने के साथ ही सरकार एहतियात बरतने की अपील कर रही है. वहीं वैज्ञानिकों ने भी महामारी के सर्दियों में नया रूप देने की बात कही है. उनके अनुसार, घर में वायरस हवा में जिस तरह से फैलता है उसी तरह सर्दियों में यह वायरस सांस से निकलने वाले बूंदों से ज्यादा फैल सकता है. शोध के अनुसार, मौजूदा समय में जिस सामाजिक के नियम का पालन हो रहा है वो इसके प्रकार के रोकथाम के लिए पर्याप्त नहीं हैं.
6 नहीं, 19 फुट दूर जा सकता है वायरस
अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के वैज्ञानिकों ने अध्ययन के दौरान पाया है कि कई तरह की परिस्थितियों में सांस से निकलने वाली बूंदे 6 फुट से अधिक की दूरी तय करती हैं. वैज्ञानिकों ने समझाया है कि सर्दियों में वायरस जमीन पर गिरने से पहले 19.7 फुट तक जा सकता है. यही नहीं इस स्थिति में वायरस कुछ मिनट या कुछ दिन तक बाद और उन्हें जिंदा और संक्रामक रह सकता है.
दस माइक्रोन से भी छोटे वायरस
प्रमुख शोधकर्ता लेई झाओ के अनुसार,बूंदों में मौजूद वायरस 10 माइक्रोन से भी बहुत छोटे होते हैं जो घंटों हवा में रह सकते हैं. ऐसे में यह वायरस आसानी से सांसो के जरिए भीतर जा सकते हैं गर्मियों की तुलना में सर्दी में बूंदों में मौजूद वायरस और खतरनाक हो सकता है. ऐसे में स्थानीय स्तर पर जरूरी इंतजाम और नियम बनाए जाए तो संक्रमण के प्रसार पर रोक संभव है. मास्क पहनना जरूरी है.
अमेरिका और यूरोप में दोबारा तेजी से फैलने लगा संक्रमण
कई देशों में सर्दी की आवाज के साथ ही कोरोना वायरस गिरफ्त में लेने लगा है. अमेरिका और यूरोप में अचानक बढ़े का संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा भी बढ़ने लगा है. अमेरिका के 39 राज्यों में संक्रमण बढ़ने के कारण का ग्राहक सेवा तेजी से ऊपर की ओर चढ़ा है. यही वजह है कि 29 अगस्त के बाद बीते मंगलवार सबसे ज्यादा 36 हजार लोगों को भर्ती कराना पड़ा. उधर स्पेन, फ्रांस, ब्रिटेन में भी हालात बिगड़ने लगे हैं. बीते हफ्ते इन देशों में अमेरिका के मुकाबले प्रति व्यक्ति ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं.
जानकारों का कहना है कि मध्य यूरोप को खोलना की दूसरी लहर अपनी चपेट में लेती दिखाई दे रही है. वहीं रूस में बुधवार को सबसे ज्यादा मामला सामने आए थे इसके बाद राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने तेजी दिखाते हुए दूसरी वैक्सीन को भी मंजूरी देने की घोषणा कर दी है. नए मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए रूसी अधिकारी लक्ष्य आधारित पाबंदियों पर विचार कर रहे हैं.